ईवीएम पर विपक्षी पार्टियों की चिंता पर चुनाव आयोग गंभीर नहीं


cec sunil arora not serious about opp parties concern over evm

 

ईवीएम को लेकर देशभर की 22 विपक्षी पार्टियों की चिताओं को लेकर चुनाव आयोग कुछ गंभीर नहीं दिख रहा है. 4 फरवरी को 22 विपक्षी दलों ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करने के लिए निर्वाचन आयोग में एक ज्ञापन सौंपा था. पार्टियों का कहना था कि ईवीएम में गड़बड़ी और शिकायतों को लेकर वह चिंतित हैं.

लेकिन हाल में दिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा के बयान से यह साफ हो गया है कि आयोग इन चिंताओं पर गंभीरता से विचार नहीं कर रहा है.

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा का कहना है कि ‘अधिकतर पार्टियों’ ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में अपना भरोसा जताया है. उन्होंने हालांकि इसका खेद जताया कि कुछ तबकों ने इसे ‘जानबूझकर विवाद’ का मसला बनाया.

विपक्ष ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम के 50 फीसदी वोट वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की है. साथ ही पार्टियों की मांग थी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए. हालांकि पार्टियों ने माना था कि बैलेट पेपर व्यवस्था पर लौटने में समय लगेगा. तब तक के लिए उन्होंने ईवीएम के 50 फीसदी वोट वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की.

इस मुद्दे पर देशभर के प्रमुख विपक्षी पार्टियां एक साथ आई हैं. जिनमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस आदि शामिल हैं.

बहरहाल, सीईसी ने विभिन्न पार्टियों की वीवीपैट पर्चियों की गणना की मांग पर कोई वायदा नहीं किया, पर कहा कि वीवीपैट पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा.

अरोड़ा ने कहा है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने और उनके खराब होने में फर्क है और ‘‘अब तक ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का कोई भी मामला साबित नहीं हुआ है.’’

अरोड़ा ने कहा, ‘‘अधिकतर पार्टियों ने ईवीएम के जरिए मतदान में अपना भरोसा जताया है, हालांकि कुछ पार्टियों ने और वीवीपैट पर्चियों की गणना को कहा है. कुछ दल चाहते हैं कि ये मशीनें मतदान के लिए किस तरह से काम करती हैं, इसकी व्यावहारिक प्रस्तुति दी जाए ताकि मतदाताओं को इससे परिचित कराया जा सके कि इनका इस्तेमाल कैसे करना है.”

लेकिन अब ईवीएम के मुद्दे पर अरोड़ा के बयान से यह साफ हो गया है कि वो विपक्षी पार्टियों के ज्ञापन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाने जा रहे हैं.


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