मोदी-ट्रंप की बातचीत भारत की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी: कांग्रेस
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा और संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके संबोधन पर कांग्रेस ने अपना समर्थन जारी किया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी पूरी तरह से पीएम मोदी और सरकार द्वारा आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदम का समर्थन करती है.
उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और जम्मू और कश्मीर को लेकर लिया गया उनका फैसला अंतिम और अपरिवर्तनीय है. हम इस बात पर भारत की आधिकारिक स्थिति का समर्थन करते हैं कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दे भारत के आंतरिक मुद्दे हैं और किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं है.”
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने इमरान खान की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भड़काऊ और भद्दे बयान की भी निंदा की. पार्टी ने कहा कि उनके भाषण से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वो झूठे तथ्यों का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.
आनंद शर्मा यही पर नहीं रूके. इसके आगे जो उन्होंने कहा असल में वो उनका असली मुद्दा था. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक अतिरंजित थी जो हाउडी मोदी जैसे कार्यक्रम में सौजन्य और दोस्ती के सार्वजनिक प्रदर्शन के बावजूद भारत की उम्मीदों पर खरा उतरने में असफल रही.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को लेकर उत्साह सही नहीं है क्योंकि खुशी मनाने की कोई वजह नहीं है.”
उन्होंने एक बयान में कहा, “इस यात्रा से ऐसा कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, जो बीजेपी के जश्न को सही ठहराए. प्रधानमंत्री अमेरिकी बाजारों में भारतीय निर्यात के लिए सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) को बहाल कराने, भारतीय पेशेवरों के लिए एच1-बी वीजा में कटौती और शुल्कों में तेज बढ़ोतरी में वापस कराने में असफल रहे.”
शर्मा ने आगे कहा व्यापार समझौतों को पूरा करने में मिली असफलता से भारतीय उद्योगजगत और उन निर्यातकों को निराशा हुई, जो अर्थव्यवस्था में मंदी से परेशान हैं.
आनंद शर्मा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान अन्य देशों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक एक नियमित व्यवस्था का हिस्सा है और उनका कोई विशेष महत्व नहीं है, जैसा कि बीजेपी के प्रचार में दावा किया जा रहा है.
यह सही समय है कि सरकार अभियान प्रचार से प्रोपेगेंडा फैलाने के बजाए वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे.