पुलवामा में फ़िदायीन हमले में CRPF के 37 जवानों की मौत, जैश ने ली जिम्मेदारी


Pakistan denied for terrorist attack

 

कश्मीर के पुलवामा जिले के गोरिपोरा इलाके के अवंतिपोरा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 37 जवानों की मौत हो गई है. हमला आईईडी के विस्फोट से किया गया है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है.

सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रही बस को निशाना बनाया गया है. हमले में 40 से अधिक जवान घायल हुए हैं. हमले में मरनेवालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. घायलों को श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर राज्य में सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का तत्काल ‘‘सुरक्षा प्रबंधन’’ किये जाने के कमांडरों को निर्देश दिए.

जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में एनआईए को शामिल किया जाएगा.

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया.

पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.

यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है.

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता था.

सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे. काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गयी.’’

यह काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था.,

अधिकारियों ने बताया कि घाटी लौट रहे कर्मियों की संख्या अधिक थी क्योंकि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी.

आम तौर पर काफिले में करीब 1000 कर्मी चलते हैं किंतु इस बार कर्मियों की कुल संख्या 2547 थी.

अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे.

फारेंसिक एवं बम विश्लेषक दल मौके पर पहुंच गये हैं.

अधिकारियों ने बताया कि हमले के केन्द्र में रही बस बल की 76वीं बटालियन की थी और उसमें 39 कर्मी सवार थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि पूरा देश आतंकी और बुरी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले को घृणित एवं निंदनीय कृत्य बताते हुए कहा कि हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला घृणित कृत्य है. ‘‘ मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं. ’’

मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलवामा हमले से उत्पन्न स्थिति के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष अधिकारियों से बात की है.

उन्होंने कह कि पूरा देश वीर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उन्होंने कहा कि वह इस घटना में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.

केन्द्रीय राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने घटना के बाद अपने ट्वीट में आतंकवादी हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि देश से आतंकवादियों का नामो निशान मिटा दिया जाएगा.

कांग्रेस के पूर्वी यूपी की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह परिवार में किसी के मारे जाने के दर्द को बखूबी समझती हैं. पुलवाम में आतंकी हमले में शहीद हुए 30 जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. उन्होंने पहले से तय सभी कार्यक्रमों को टाल दिया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमले को कायराना बताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े होने की जरुरत है.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “पिछले 55 महीनों में एलओसी और अतरर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से 5,000 सीजफायर का उल्लंघन हुआ है. यह पिछली सरकार के 55 महीनों की तुलना में 1000 फीसदी ज्यादा है. 56 इंच की छाती कहां है? लाल आंख किधर है?”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में सरकार से पूछा है कि क्या 18 बड़े हमले नहीं हुए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में गुरुदासपुर, उधमपुर, पम्पोर, उरी, नगरोटा, पठानकोट, अमरनाथ यात्रा हमला और सुजावन आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले का जिक्र किया है.

माकपा ने जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए केन्द्र सरकार से कश्मीर में अमन बहाली सुनिश्चित करने की सक्रिय पहल करने की अपील की है.

माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से जारी बयान में पार्टी ने पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर किये गये आतंकवादी हमले की निंदा करते हुये इसे कायराना हरकत बताया है. पार्टी ने कहा कि हिंसा, किसी समस्या के समाधान का विकल्प नहीं है.

पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन साल पहले कश्मीर समस्या के समाधान के लिये सभी पक्षकारों को शामिल कर बातचीत की प्रक्रिया शुरु करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. माकपा ने हमले में हताहत हुये जवानों के शोकसंतप्त परिवारों के प्रति सांत्वना प्रकट करते हुये सरकार से तत्काल शांतिवार्ता शुरु करने की मांग की.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी हमले में शहीद हुये सीआरपीएफ के जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुये इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘हिंसा का यह दौर थमना चाहिये.’’

मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आज की ताज़ा आतंकी वारदात में बड़ी संख्या में जवानों के हताहत होने की घटना अति दुखद, अति निन्दनीय और गंभीर चिन्ता का विषय है। कश्मीर में अमन बहाल हो तथा वह स्वर्ग बना रहे इसकी कामना और ईमानदार प्रयास दोनों ही जारी रखने की सख्त जरूरत है.’’


Big News