गुजरात में दलित सरपंच के पति की पीट-पीटकर हत्या, लगातार सुरक्षा मांगने पर भी नहीं हुई थी सुनवाई
प्रतीकात्मक तस्वीर
गुजरात में एक दलित सरपंच के पति की छह लोगों ने लाठियों और पाइपों से कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यह घटना उस समय हुई जब पीड़ित अपनी मोटरसाइकिल से रणपुर-बरवाला सड़क से गुजर रहे थे.
घायल होने की वजह से आखिरी सांस लेने से पहले पीड़ित मांजीभाई सोलंकी ने अपने एक संबंधी को फोन किया.
फोन पर दिए गए बयान में उन्होंने बताया कि पहले उनकी बाइक में एक कार ने टक्कर मार दी और इसके बाद उस कार में सवार पांच से छह लोगों ने उनकी पिटाई की.
सोलंकी का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह लगभग बेहोशी की स्थिति में हैं.
इसी दौरान यह भी प्रकाश में आया है कि पीड़ित और उनकी पत्नी ने कई बार पुलिस से सुरक्षा मांगी थी. लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया. 18 सितंबर 2016 को अंग्रेजी अखबार अहमदाबाद मिरर में छपी खबर के मुताबिक पीड़ित ने पुलिस स्टेशन के सामने अपनी पत्नी सहित आत्मदाह करने की कोशिश की थी.
पीड़ित परिवार खुद पर लगातार हो रहे हमलों और पुलिस की निष्क्रियता से परेशान था. उस दौरान भी उन पर हमले हुए थे, जिसकी पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया था. इस पर परिवार ने पुलिस स्टेशन के सामने आत्महत्या की कोशिश की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बोटाड के पुलिस उप अधीक्षक आरएन नाकुम ने बताया है कि पीड़ित के परिवार से मिली सूचना के आधार पर हमने सूचना एकत्र करने के लिए एक टीम अहमदाबाद भेजी जिसके आधार पर अपराध दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि पीड़ित के परिवार का बयान पहली नजर में सही लग रहा है.
बीते एक महीने से भी कम समय में सौराष्ट्र क्षेत्र में ये ऐसी तीसरी घटना है जिसमें किसी दलित की हत्या कर दी गई है. सभी मामलों में हत्या का आरोप उच्च जातियों पर है.
खबरों के मुताबिक मांजीभाई के परिवार ने दावा किया है कि वे लगातार पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें पुलिस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई.
इस हमले से पहले भी उन पर चार बार हमला किया जा चुका था. मांजी के बेटे तुषार ने बताया कि पिछली बार उन पर तीन मार्च 2018 को हमला किया गया था. उसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी, जिसे तीन महीने बाद वापस ले लिया गया.