जाते-जाते नोटबंदी को असफल करार दे गए मुख्य चुनाव आयुक्त
नोटबंदी को लेकर सरकार के दावों का लगातार खंडन हो रहा है. अब इस फेहरिश्त में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का नाम भी जुड़ गया है. बीते शनिवार को पद से मुक्त हो चुके मुख्य चुनाव आयुक्त ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि नोटबंदी का काले धन पर कोई असर नहीं हुआ है. उदाहरण के लिए उन्होंने चुनाव के दौरान रिकार्ड मात्रा में जब्त किए गए पैसे का जिक्र किया.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “यहां तक इन पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान दो सौ करोड़ रुपये पकड़े गए.” उन्होंने कहा, “इससे यह साफ होता है कि पैसा ऐसे स्रोतों से आ रहा है जिन पर नोटबंदी जैसे उपायों का कोई असर नहीं हुआ है.”
रावत का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का विरोधाभाषी है. प्रधानमंत्री अपने भाषणों में अक्सर नोटबंदी की तारीफ करते हुए काले धन पर पर नकेल कसने की बात कहते रहे हैं. रावत बीते शनिवार को अपने पद से मुक्त हो गए. उनके स्थान पर सुनील अरोड़ा नए मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे.
मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी शशांक को हटाने के मुद्दे पर भी रावत ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “बड़े विरोध आपको परिवर्तन के लिए मजबूर करते हैं, आपके काम में कुछ गलत ना हो तब भी.” गौरतलब है कि मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहवला ने लिखित रूप से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से शशांक को हटाने का आग्रह किया था.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया साफ-सुथरे चुनावों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है. उन्होंने कहा कि यह खतरा पूरी दुनिया में एक जैसा है. रावत के मुताबिक भारत सरकार ने फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों से बात कर इस बारे में अपनी चिंता जाहिर की है.