वीवीपैट स्लिप और ईवीएम मशीन के मिलान की जांच के लिए बनेगी टीम: EC


several EVMs important parts are stolen in mp

 

वीवीपैट स्लिप और ईवीएम मशीन के मिलान की खबरें आने के बाद चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है. दरअसल हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान आठ ऐसे मामले पाए गए थे जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वीवीपैट के मिलान में गड़बड़ियां पाई गई थीं.

21 जुलाई को चुनाव आयोग ने एक जानकारी साझा की थी जिसमें 1.25 करोड़ वीवीपैट स्लिप में से 51 या 0.0004 प्रतिशत का मिलान नहीं हो पाया था.

चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. चुनाव अधिकारी ने बताया कि मणिपुर से संबंधित मामलों में से एक में, जांच टीम स्थापित नहीं की गई थी क्योंकि इस मामले में चुनाव याचिका दायर की गई है.

एक दूसरे सूत्र ने बताया कि टीम को मिलान की जांच करने के लिए दस दिनों का समय दिया गया है.

21 मई को चुनाव आयोग ने एक पत्र जारी कर बताया था कि पर्चियों के मिलान के मामले में मामले की जांच कराई जा रही है. ताकि तकनीकी, प्रक्रियात्मक, प्रणालीगत और मानवीय त्रुटियों या अनुपालन में हुई किसी चूक का पता लगाया जा सके.

इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने वीवीपैट पार्चियों के मिलान के समय मॉक वोट और मैनुअल त्रुटियों को सामने न किया हो.

2017 के विधानसभा चुनावों में वीवीपैट की गणना लागू होने के बाद मिलान में गड़बड़ी पहली बार सामने आई है.

चुनावी नियमों के तहत अगर किसी मिलान में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो वीवीपैट की गिनती ही मानी जाएगी.


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