पीएम मोदी, शाह को 5 मामलों में क्लीन चिट पर चुनाव आयुक्त लवासा की असहमति


reply of election commission on a rti seeking information about dissent notes of lawasa

  मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा.

प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन के पांच मामलों में मिली क्लीन चिट पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति जताई थी. चुनाव आयोग बोर्ड ने इन मामलों में 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाया था.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा बोर्ड में शामिल हैं. इससे पहले स्पष्ट नहीं था कि तीन सदस्यीय बोर्ड में किस अधिकारी ने इन मामलों में अपनी असहमति जताई थी.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लवासा ने प्रधानमंत्री मोदी के वर्धा (1 अप्रैल), लातूर और चित्रदुर्गा (9 अप्रैल), नांदेड़ (6 अप्रैल) में दिए गए भाषणों पर दी गई क्लीन चिट पर असहमति जताई थी. इसके अलाव लवासा ने शाह को नागपुर में दिए बयान पर मिली क्लीन चिट पर भी असहमति जताई थी.

वहीं कल चुनाव आयोग की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात के पाटन में दिए भाषण (21 अप्रैल) के खिलाफ दायर शिकायत पर भी क्लीन चिट मिल गई है. यहां मोदी ने कहा था कि अगर पाकिस्तान भारत के पायलट (अभिनंदन) को वापस नहीं करता तो वह रात क़त्ल की रात होती.

इस दौरान उन्होंने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक का भी ज़िक्र किया था.

चुनाव आयोग ने चित्रदुर्गा में दिए भाषण पर प्रधानमंत्री मोदी को मिली क्लीन चिट पर फिलहाल आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी.

इससे पहले लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग के रवैये पर अपनी नाराजगी जता चुके पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि “विचार-विमर्श के दौरान असहमति एक स्वस्थ्य निशानी है. चुनाव आयोग के प्रति मेरी उम्मीद एक बार फिर जगी है.”

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के खिलाफ दायर आचार संहिता उल्लंघन के छह मामलों (चित्रदुर्गा मामले पर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है) में फैसला सुनाया है.

पाटन समेत वाराणसी (25 अप्रैल) और बारमेड़ (21 अप्रैल) में प्रधानमंत्री के भाषणों के खिलाफ दायर शिकायतों पर बोर्ड ने पूर्ण सहमति से अपना फैसला सुनाया.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े अन्य मामलों में कांग्रेस नेता सुष्मिता देव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो इन आरोपों पर छह मई तक निर्णय ले.


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