BSNL और MTNL के लिए 74 हजार करोड़ के बेलआउट पैकेज पर विचार


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वित्तीय संकट का सामना कर रही टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को सरकार बेलआउट पैकेज देने पर विचार कर रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दोनों कंपनियों को सरकार 74,000 करोड़ रुपये का बेलआउट पैकेज दे सकती है.

बेलआउट पैकेज में हजारों कर्मचारियों को एग्जिट पैकज, वीआरएस को आकर्षक बनाने के लिए पांच फीसदी अतिरक्त मुआवजा, 4जी स्पेक्ट्रम मुहैया करना और अन्य खर्च शामिल हैं. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट नोट जारी किया गया है.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में बीएसएनएल सबसे अधिक घाटे (वित्त वर्ष 2019 में अनुमानित 13,804 करोड़ रुपये) में चल रही कंपनी है. वहीं एमटीएनएल 3,398 करोड़ रुपये के घाटे के साथ तीसरे स्थान पर है.

अगर बेलआउट पैकेज को हरी झंडी मिलती है तो राष्ट्रीय कोष के बड़े हिस्से को दोनों कंपनियों पर खर्च करने की मंजूरी मिल जाएगी.

प्रस्ताव के जानकार अधिकारियों के हवाले से अखबार लिखता है कि कुल बेलआउट पैकेज की कीमत 73,787 करोड़ रुपये है. इसमें समय पूर्व सेवानिवृत्ति के लिए 10,993 करोड़ रुपये, वीआरएस पेआउट के लिए 29,182 करोड़, 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए 20,410 करोड़ रुपये और अन्य पूंजी खर्च की कीमत 13,202 करोड़ रुपये हैं.

दूरसंचार विभाग की ओर से बेलआउट पैकेज के संबंध में कहा गया है कि “एमटीएनएल और बीएसएनएल को बंद करने में करीबन एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. दोनों ही सार्वजनिक उपक्रम सरकार को मुनाफा नहीं दे पा रहे हैं. रणनीतिक विनिवेश और जनसंचार के क्षेत्र में वित्तीय संकट के मद्देनजर कंपनी को नए खरीदार मिलना लगभग असंभव है. इस स्थिति में संयुक्त उद्यम पर विचार किया जा सकता है.”

बीते दशक में खराब प्रबंधन, स्टाफ पर अधिक खर्च, गलत निर्देश, असमय सरकारी दखल और तकनीकी बदलावों को देर से अपनाने के चलते बीएसएनएल और एमटीएनएल लगातार घाटे में गई हैं. जहां निजी टेलीकॉम प्रदाता 4जी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और अब 5जी की तैयारियां कर रहे हैं, वहां ये दोनों ही टेलीकॉम कंपनियां अब भी 4जी सेवाएं देने पर विचार कर रही हैं.

मोबाइल सेवाओं के बाजार में बीएसएनएल और एमटीएनएल का बाजार लगातर सिकुड़ा है. दोनों उपक्रमों को प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 38 रुपये प्राप्त होता है. जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियों को प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व 70 रुपये तक प्राप्त होता है.

सरकार का मानना है कि सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 58 करने और आकर्षक वीआरएस पैकेज देने के बाद वो नए टैरिफ प्लान लाने की दिशा में आक्रामक रवैया अपना सकेगी. सरकार कंपनी के खाली पड़े टाउर, जमीन से भी पैसे कमाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही कंपनी ऑप्टिकल फाइबर से भी पैसे कमाने की रणनीति बना रहा है.


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