हार्दिक ने क्यों की लखनऊ में चुनाव लड़ने की घोषणा?


unknown person slapped hardik patel during rally

 

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. हार्दिक ने अभी यह नहीं बताया कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल होंगे या निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.

साथ ही यह भी साफ नहीं है कि वह किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.

हार्दिक की ओर से ये घोषणा अपने गृह राज्य गुजरात से दूर लखनऊ में की गई. उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, “बिल्कुल, हम 2019 में चुनाव लड़ेंगे.”

जुलाई 2015 में विभिन्न पाटीदारी संगठनों ने समुदाय को ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया था. इस आंदोलन के दौरान हार्दिक समुदाय के एक बड़े नेता के तौर पर उभरे.

हार्दिक के ऐलान के तुरंत बाद उनकी सीट और पार्टी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

सूत्रों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है कि हार्दिक गुजरात में सौराष्ट्र के अमरेली से चुनाव लड़ सकते हैं.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक वह चुनाव लड़ने के लिए पार्टी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता ने कहा कि वह इस बारे में बाद में फैसला करेंगे .

कांग्रेस की पकड़ अमरेली में मजबूत है और वहां बड़ी संख्या में पाटीदारी समुदाय रहता है, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि हार्दिक वहीं से चुनाव लड़ेंगे.

हार्दिक के पूर्व समर्थक उनके इस ऐलान को शक की नजर से देखते हैं.

वह सवाल खड़े कर रहे हैं कि हार्दिक की ओर से ये घोषणा लखनऊ में एक क्षेत्रीय अखबार को दिए इंटरव्यू में क्यों की गई?

एक पूर्व समर्थक ने कहा कि पाटीदार समुदाय हार्दिक से खुश नहीं है. “समुदाय की मांग थी कि उन्हें ओबीसी का दर्जा दिया जाए और 2015 में प्रदर्शन के दौरान मारे गए 13 युवाओं की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा हो. लेकिन हार्दिक समुदाय की इन मांगों को अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं.”

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने हार्दिक के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “हार्दिक मोदी सरकार के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार हैं. वो देश के युवा वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो आज नौकरी की मांग कर रहा है.”

अमरेली में पाटीदारों की बड़ी संख्या है. यह समुदाय उन्हें ओबीसी का दर्जा न मिलने की वजह से बीजेपी से खासा नाराज है. यही वजह है कि 2017 विधानसभा चुनाव में अमरेली की पांच सीटों पर कांग्रेस अपना कब्जा करने में कामयाब रही. राज्य में पटीदारों की बड़ी संख्या होने की वजह से केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी वहां 182 विधानसभा सीटों में से 99 पर ही जीत हासिल कर पाई.

हालांकि बीजेपी प्रवक्ता भारत पाण्डेय ने हार्दिक के ऐलान के बाद कहा कि बीजेपी को उनसे कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि “लोकसभा चुनावों में हार्दिक का चुनाव लड़ना पार्टी किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएगा. कांग्रेस अब तक समुदाय की 17 मांगों में से एक भी पूरी नहीं कर पाई है. वो किसी मुंह से लोगों से वोट मांगने जाएंगे. उनका ये ऐलान पूरी तरह से नौटंकी है.”

 


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