CJI यौन उत्पीड़न मामला: शिकायतकर्ता के पति और परिजन का निलंबन रद्द


Ranjan Gogoi takes owth of rajya sabha amid shame slogans

 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ता महिला के दो परिजनों के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया है. दिल्ली आर्मड पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सीके मैन ने बताया,”सस्पेंशन के आदेशों को रद्द कर दिया गया है. उनकी नियुक्ति को बहाल कर दिया गया है. हालांकि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होना अभी बाकि है.”

द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एसीपी ने इसले अलावा बहाली के आदेश पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है.

इससे पहले शिकायतकर्ता महिला ने 19 अप्रैल को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए कहा था कि 10 अक्टूबर और 11 अक्टूबर, 2018 को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने निवास स्थित कार्यालय में उनका यौन उत्पीड़न किया था. महिला ने दावा किया था कि इस घटना के बाद उसका कई बार ट्रांसफर किया गया और आखिरकार 21 दिसंबर, 2018 को दुराचार और अवज्ञा का दोषी करार देते हुए नौकरी से निकाल दिया गया था.

महिला पर ये कार्रवाई 11 नवंबर 2018 को अनुपस्थित होने और अपने बैठने की जगह में बदलाव के लिए अनुचित प्रभाव डालने के तहत की गई थी.

जबकि महिला के आरोपों को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बेबुनियाद करार दिया था और कहा था कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है.

वहीं मामले में आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति गठित की गई थी. लेकिन शिकायतकर्ता महिला ने कहा था कि इस समिति से अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. इसके बाद समिति की जांच जारी रही और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने समिति के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा था. ये पहली बार है जब भारत के चीफ जस्टिस यौन उत्पीड़न के आरोपों में किसी जांच समिति के सामने पेश हुए.

6 मई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में आंतरिक जांच समिति ने कुछ ठोस प्रमाण मिलने से इनकार किया था. हालांकि समिति ने आरोप लगाने वाली महिला को जांच रिपोर्ट नहीं दी थी. जिसके बाद महिला ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 का हवाला देते हुए समिति से रिपोर्ट की कॉपी की मांग की है.

क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि महिला के देवर और पति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है. महिला के देवर पर 2015 में गलत व्यवहार करने के लिए दर्ज शिकायत को दबाने के तहत कार्रवाई जारी है. अधिकारी ने बताया कि 28 दिसंबर 2018 को दोनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के आदेश देते हुए निलंबित कर दिया गया था.

डिप्टी पुलिस कमिश्नर मधुर वर्मा ने कहना है कि यौन उत्पीड़न के मामले और शिकायतकर्ता के परिजनों पर चल रहे केस में कोई संबंध नहीं है.

महिला के देवर का कहना है कि “कुछ ही दिन पहले हमारी नियुक्ति की बहाली हुई है. हमें उम्मीद है कि हमारे खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई में भी हम बेगुनाह साबित होंगे. भाई और उनकी पत्नी फिलहाल अपने कान के इलाज के लिए मुंबई गए हुए हैं.”


ताज़ा ख़बरें