उचित वेतन और समानता के लिए स्विट्जरलैंड की महिलाओं ने किया प्रदर्शन


in switzeland women protested for fair pay and more equality

 

समूचे स्विट्जरलैंड की महिलाएं अपनी-अपनी नौकरियां छोड़कर उचित वेतन, समानता, हिंसा और यौन उत्पीड़न पर रोकथाम की मांगो को लेकर 14 जून से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. स्विट्जरलैंड की महिलाएं अपने अंत: वस्त्र जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. यह पिछले 28 सालों में ऐसा पहला प्रदर्शन है.

लौसेन में मध्यरात्रि में सैकड़ों की तादाद में महिलाएं एकजुट हुईं और शहर के कैथेड्रल से होते हुए केंद्र की ओर मार्च निकाला, जहां उन्होंने लकड़ियों में आग लगाई और फिर उस आग में अपनी टाई, अंत:वस्त्रों को फेंक दिया.

कार्यस्थल पर असमानता और लैंगिक भेदभाव को लेकर संपन्न देश स्विट्जरलैंड में लगातार बढ़ते जा रहे रोष ने इस व्यापक महिला आंदोलन को जन्म दिया है. इस आंदोलन में घरेलू सहायिकाओं, शिक्षिकाओं और देखभाल का काम करने वाली महिलाओं के लिए अधिक वेतन की भी मांग की जा रही है.

बर्न से लेकर ज्यूरिख तक महिलाओं ने सैंकड़ों प्रतिरोध रैलियां निकालीं. महिलाओं ने जेनेवा के पार्क बर्ट्रेंड में एक बड़ा सा बैनर प्रदर्शित किया. इसपर लिखा था कि घरेलू कामकाज में 91 फीसदी महिलाएं हैं, वहीं इसके बरक्स स्विट्जरलैंड के इंजीनियरिंग क्षेत्र में केवल आठ फीसदी महिलाएं हैं.

स्विस फेडरल स्टेस्टिक्स के अनुसार 2016 के आंकड़ें बताते हैं कि स्विट्जरलैंड में समान काम के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 12 फीसदी वेतन कम मिलता है. संस्थान के मुताबिक 2009 से 2018 के बीच दर्ज 249 हत्यायों में 75 फीसदी पीड़ित महिलाएं ही हैं.

वहीं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार यूरोप और मध्य एशिया में स्विट्जरलैंड उन देशों की श्रेणी में आता है जहां हाई स्कूल के बाद की शिक्षा में, खासकर विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानता सबसे अधिक है.

स्विट्जरलैंड की महिलाओं के इस प्रदर्शन को ‘पर्पल वेव’ कहा गया क्योंकि इस प्रदर्शन के लिए महिलाओं ने पर्पल अर्थात जामुनी रंग को चुना है.


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