वुहान में फंसे भारतीयों का स्वदेश लौटने पर 14 दिन अलग रहना होगा जरूरी: भारतीय दूतावास


 

चीन में कोरोना वायरस के केंद्र हुबेई में फंसे 250 से ज्यादा भारतीयों को भारत पहुंचने पर 14 दिन तक अनिवार्य रूप से अलग रखा जाएगा. इनमें अधिकतर छात्र हैं.

भारतीय दूतावास ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने भारतीयों को निकालने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.

मध्य चीन के हुबेई प्रांत में भारतीय नागरिकों में अधिकतर छात्र, शोधार्थी और पेशेवर हैं जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में काम करते हैं. इस प्रांत की राजधानी वुहान है.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को इस घातक वायरस से 24 और लोगों की मौत होने की सूचना दी, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है. इसी के साथ इस वायरस की वजह से होने वाले निमोनिया के 4,515 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

फंसे हुए भारतीयों को भेजे नए संदेश में भारतीय दूतावास ने कहा, ‘चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना-2019 वायरस महामारी से उपजी स्थिति से प्रभावित भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.’

इसने कहा , ‘बीजिंग में स्थित भारतीय दूतावास लोगों को निकालने के लिए तारीख और तौर-तरीकों को तय करने के लिए चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं.’

दूतावास ने कहा, ‘कृपया उन्हें सूचित कर दें जो इस विकल्प (वहां से निकलने) को चुनेंगे उन्हें भारत पहुंचने पर 14 दिन तक अनिवार्य रूप से अलग रहने होगा.’

फंसे हुए भारतीयों में से कई ने भारत सरकार से उन्हें जल्द से जल्द निकालने का अनुरोध किया है.

भारतीय दूतावास ने उनकी मदद करने और भारतीय नागरिकों का विवरण हासिल करने के लिए तीन हॉट लाइन शुरू की हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस की वजह से फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वुहान में एक विमान भेजने पर विचार कर रही है.

संदेश में कहा गया है, ‘लोगों को निकालने के संबंध में और जानकारी तथा तौर-तरीकों के बारे में यथाक्रम में जानकारी दी जाएगी. आपसे आग्रह है कि सब्र रखें और आगे अपडेट तथा निर्देशों का इंतजार करें.’

प्रांत में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के हजारों विदेशी नागरिक फंस गए हैं.


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