पुलिस, प्रशासन ने हमलावरों का साथ दिया, ABVP हमलावरों पर कार्रवाई नहीं हो रही: JNUSU
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने पांच जनवरी को हुई हिंसा में पुलिस और प्रशासन पर शामिल होने का आरोप लगाया है.
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि एक तरफ पुलिस बिना इजाजत के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के कैंपस में जाकर छात्रों से मारपीट करती है और दूसरी तरफ जेएनयू कैंपस में खड़े-खड़े सब देखती है और हमलावरों को जाने देती है.
वहीं विश्वविद्यालय छात्रसंघ के जेनरल सेक्रेटरी सतीश चंद्र यादव ने पुलिस पर एबीवीपी के हमलावरों को बचाने और कैंपस में हुई हिंसा का ठीकरा जेएनयूएसयू के सदस्यों के ऊपर फोड़ देने का आरोप लगाया है.
ये आरोप जेएनयूएसयू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए. इस दौरान उन्होंने एक वीडियो भी दिखाया. इस वीडियो में हाथों में डंडे और रॉड्स लिए नकाबपोश गुंडे गेट से कैंपस के अंदर घुस रहे हैं और अंदर आते ही स्ट्रीट लाइट्स बंद हो जाती हैं.
इस वीडियो में यह भी दिखाया गया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष आईशी घोष को ढाबे के पीछे ले जाकर घायल किया गया.
सतीश चंद्र यादव ने कहा, ‘हमने पुलिस को ऐसे तमाम वीडियो दिए हैं, जिनमें एबीवीपी के तमाम सदस्य हिंसा करते नजर आ रहे हैं. दुर्गेश कुमार, शिवम चौरसिया, सुमंता शाहू, सबरीश पीए, ये सभी एबीवीपी के सदस्य हिंसा कर रहे थे, फिर भी पुलिस एक्शन नहीं ले रही है. जिनके हाथों में डंडे और रॉड्स हैं और जिन्होंने मास्क लगा रखे हैं उनके ऊपर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं जिनके ऊपर हमला हुआ है, पुलिस उनको ही संदिग्ध बता रही है. ये शर्मनाक है.’
लेफ्ट संगठनों द्वारा विश्वविद्यालय के सर्वर को नुकसान पहुंचाने के आरोप पर आईशी घोष ने कहा कि चार तारीख को रजिस्ट्रेशन हो रहा था, प्रशासन ऑप्टिकल फाइबर और सर्वर को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहा है, यह पूरी तरह से झूठ है.
उन्होंने एक ग्रुप मेल दिखाते हुए कहा कि यह ग्रुप मेल प्रशासन ने पांच तारीख को भेजा था. उन्होंने पूछा कि अगर सर्वर खराब था तो प्रशासन पांच तारीख को ग्रुप मेलिंग कैसे कर रहा था.
उन्होंने यह भी कहा कि सर्वर खराब होने की बात कहकर प्रशासन सीसीटीवी फुटेज प्रदान नहीं कर रहा है, फिर ग्रुप मेलिंग कैसे हो रही थी.
अपने ऊपर हमले को लेकर आईशी ने कहा कि करीब 20 गुंडों ने उनके ऊपर डंडों और रॉड्स पर हमला किया. उन्होंने पुलिस पर इल्जाम लगाया कि अभी तक उनकी शिकायत पर किसी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर उपद्रवियों के साथ शामिल होने का आरोप लगाया.
आईशी ने कहा कि एबीवीपी की अनिमा सोनकर ने टीवी पर स्वीकार किया है कि एबीवीपी के सदस्यों को डंडे, रॉड्स और एसिड लेकर आने को कहा गया, लेकिन पुलिस ने इसके ऊपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में हम क्यों ना मानें कि पुलिस हमलावरों के साथ है.
उन्होंने आगे कहा कि कैंपस की सिक्योरिटी गायब थी. जब नकाबपोश गुंडे हमला कर रहे थे तो हम लोग स्टूडेंट्स के बुलाने पर वहां पहुंचे. जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों के तौर पर ये हमारी जिम्मेदारी थी. वहां के हमारे वीडियो को लेकर पुलिस हमारे ऊपर इल्जाम लगा रही है. इससे साफ पता चलता है कि पुलिस और प्रशासन मिले हुए हैं.
वहीं रजिस्ट्रेशन को लेकर आईशी ने कहा कि जब तक बढ़ी हुई हॉस्टल फीस वापस नहीं होगी तब तक रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि जेएनयूएसयू के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि हम एकेडमिक्स में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं इसलिए हम रजिस्ट्रेशन फीस देकर रजिस्ट्रेशन तो करवाएंगे लेकिन बढ़ी हुई हॉस्टल फीस का एक भी पैसा जमा नहीं करेंगे.