इतिहास का सबसे गर्म महीना हो सकता है जुलाई


India battles heatwave conditions, temperature nears 51°C in Rajasthan's Churu

 

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 2019 में जुलाई का महीना इतिहास में सबसे ज्यादा गर्म महीनों में शामिल होने वाला है. विशेषज्ञों ने पाया है कि इस दौरान तेज गर्म हवाओं की वजह से उत्तर अमेरिका और आर्कटिक का तापमान सामान्य से अधिक था.

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संकेत है कि कुल मिलाकर धरती का तापमान काफी तेजी से गर्म हो रहा है और इसके लिए केवल मानव गतिविधियां जिम्मेदार हैं. इससे आने वाले समय में गर्म हवाओं की संभावना और तीव्र हो जाएगी.

इस महीने को खत्म होने में अभी एक हफ्ते का समय बाकी है. कई विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक जुलाई 2017 के सबसे गर्म महीने होने का रिकॉर्ड इस बार टूट जाएगा.अलास्का फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय के जलवायु शोधकर्ता ब्रायन ब्रेटश्नाइडर ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि इस महीने का अंत सबसे गर्म महीने के रूप में होगा.”

जुलाई 2017 को जब सबसे गर्म महीने के तौर पर दर्ज किया गया था तो औसत वैश्विक तापमान 2.16 डिग्री फारेनहाइट था जो 20वीं सदी के जुलाई के औसत तापमान से 57.8 डिग्री फारेनहाइट ज्यादा था. जलवायु पैटर्न का अध्यन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है पिछले दो सालों की तुलना में इस वर्ष जुलाई का औसत तापमान ज्यादा होगा.

अमेरिका का “राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए)” जलवायु संबंधित डेटा का संग्रहण करती है. इसके साथ-साथ ये तापमान को रिकॉर्ड करने का भी काम करती है.

विस्कॉन्सिन– मेडिसन विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर क्लाइमेटिक रिसर्च के निदेशक जैक विलियम्स ने कहा, “जब तक सभी डेटा नहीं आ जाते तब तक हम साफ तौर पर नहीं कह सकते हैं, लेकिन हम इतना जरूर कह सकते हैं कि हम जिस रास्ते पर हैं, हम पुराना रिकॉर्ड तोड़ देंगे.”

15 जुलाई को पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक मिशेल मैन ने कहा था, “2019 में जुलाई विश्व भर में सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया है. अगर यह जुलाई सबसे गर्म महीना होता है तो यह धरती पर अब तक मापा गया सबसे गर्म महीना बन जाएगा.”

पिछला महीना जून भी सबसे गर्म महीने के रूप में दर्ज किया गया है. पिछले महीने का औसत वैश्विक तापमान 1.71 डिग्री फारेनहाइट था जो कि 20वीं सदी के जून के औसत तामपान से 59.9 से ज्यादा था.

इस वर्ष गर्मी का मौसम विश्व भर में सबसे ज्यादा परेशान करने वाला रहा है. यूरोप में जून के आखिरी में तीव्र गर्म हवाएं चलने से फ्रांस का तापमान सबसे ज्यादा दर्ज किया गया. बीते हफ्ते अमेरिका में लगभग 1.69 करोड़ लोगों को लू लगने की चेतावनी दी गई थी. न्यूयॉर्क, लिटिल रॉक, अर्कान्सास जैसे शहरों का तापमान काफी ज्यादा था. इस हफ्ते पश्चिमी यूरोप में गर्म हवाएं चलने का अनुमान है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सदी के अंत तक धरती का तापमान 3.6 डिग्री फारेनहाइट हो जाएगा.

विलियम्स ने कहा बढ़ते हुए तापमान ने जलवायु परिवर्तन के प्रयासों को तेज करने की तरफ ध्यान खींचा है.

विलियम्स ने कहा, “एक जलवायू वैज्ञानिक होना कठिन है. साथ ही उन रुझानों को देखना जिसकी ओर हम बढ़ रहे हैं और जागरुकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक कठिन लड़ाई की तरह लगता है. यह एक ऐसी लड़ाई है जिसपर बातचीत होने की जरूरत है. यह एक महतत्वपूर्ण काम है, इसलिए हम इसे जारी रखे हुए हैं.”


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