कर्नाटक के पांच और बागी विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट


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कर्नाटक से कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

ये पांच विधायक आनंद सिंह, के. सुधाकर, एन. नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग हैं.

उन्होंने कहा है कि पहले से ही लंबित दस अन्य बागी विधायकों की याचिका में उन्हें भी शामिल कर लिया जाए. इस याचिका पर 16 जुलाई को सुनवाई होनी है.

इससे पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस के दस विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. जिनमें प्रताप गौड़ा पाटिल, रमेश जारकिहोली, बायराती बसावराज, बी.सी. पाटिल, एस. टी. सोमशेखर, अरबेल शिवराम हेब्बर, महेशर कुमातल्ली, के . गोपालैया, ए.एच. विश्वनाथ और नारायण गौड़ा शामिल हैं. उन्होंने भी शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे और उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने पर 16 जुलाई तक कोई निर्णय लेने से रोक दिया था.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उत्पन्न हो गये हैं और वह 16 जुलाई को इस विषय पर गौर करेगी. शीर्ष अदालत ने तब तक के लिए यथा स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था.

इन सभी बागी विधायकों के इस्तीफे से कर्नाटक की एच डी कुमारस्वामी सरकार संकट में फंस गयी है और उसके सामने विधानसभा में बहुमत खोने का खतरा पैदा हो गया है.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि विधायकों की ओर से संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गयी याचिका की विचारणीय होने के प्रश्न पर गौर करने के समय एक और प्रश्न का जवाब भी खोजना होगा. वह यह कि क्या अध्यक्ष इन विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने से पहले उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया पर निर्णय लेने के लिए बाध्य हैं?

इन बागी विधायकों के वकील ने कहा था कि यदि ये विधायक सदन में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें ऐसा करने से रोकने तथा ऐसा करने पर सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर ने उनके इस्तीफे पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है.


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