साल की पहली तिमाही में कंपनियों का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर गिरा


sensex down with record points after surge of seven sessions

 

इस साल की पहली तिमाही यानी मार्च के शुरुआत तक कंपनियों की आय से संकेत मिला है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हुई है. माना जा रहा है कि कंपनियों की आय में वृद्धि में अभी और देर होगी जिससे निवेशकों को स्टॉक्स का वैलुएशन करने में कठिनाई होगी.

मिंट के विश्लेषण से पता चला है कि बिक्री में कमी की वजह से कंपनियों का सकल लाभ 31 मार्च को पूरी हुई तिमाही में गिर गया. यह बीते 13 तिमाहियों में सबसे कम था. हालांकि इसके बावजूद पिछले दो महीने में बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स 8 फीसदी से अधिक चढ़ा है.

इतना ही नहीं, बीएसई में सूचीबद्ध 124 कंपनियों के मार्च तक के तिमाही का शुद्ध मुनाफा 8.42 फीसदी गिर गया है.

अर्थव्यवस्था की पतली हालात का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि कंपनियों की कुल बिक्री की वृद्धि दर भी 11.3 फीसदी गिरी है जो पिछले पांच तिमाही में सबसे कम है.

कंपनियों की आय की इस समीक्षा में बैंकों, वित्तीय सेवाओं और तेल और गैस फर्मों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इन कंपनियों का राजस्व मॉडल अलग होता है.

जानकार मान रहे हैं कि कंपनियों की आय में इस गिरावट के पीछे कई मिली-जुली वजहें काम कर रही हैं. वैश्विक वृद्धि दर कम होने की वजह से निर्यात पर असर पड़ा है. वहीं सरकारी खर्च में कटौती और नकदी के संकट की वजह से भी ग्रामीण मांग घट रही है.

मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, 91 विनिर्माण कंपनियों की आय पिछली 13 तिमाही की तुलना में सबसे निचले स्तर पर है.

जानकार ये भी मान रहे हैं कि सॉफ्टवेयर और सीमेंट कंपनियों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर हैं, लेकिन  ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए हालात अब भी बहुत मुश्किल हैं. वे ये भी मान रहे हैं कि इन आंकड़ों को पूरी तिमाही के लिए ठीक नहीं माना जा सकता क्योंकि अभी सभी कंपनियों ने अपने आय के आंकड़ें नहीं दिए हैं.

इसके बावजूद शुरुआती संकेत ये बता रहे हैं कि उपभोक्ता मांग में कमी आएगी. इसका कारण ग्रामीण उपभोक्ता मांग पर बीते कुछ वर्षों में नोटबंदी और जीएसटी जैसे क़दमों की वजह से पड़ा प्रभाव है. साथ ही साल 2014 और 2015 में लगातार सूखा पड़ना भी इसका कारण है.


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