लंदन में कार्ल मार्क्स की समाधि के साथ तोड़-फोड़


Mark memorial vandalized in London's highgate cementry

 

लंदन की हाईगेट कब्रिस्तान में लगी कार्ल मार्क्स की समाधि को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास हुआ है. उनकी समाधि को ग्रेड -1 का दर्जा प्राप्त है. उपद्रवियों ने उनकी समाधि पर लगे पत्थर को तोड़ दिया है. यह पत्थर साल 1883 की मूल कब्र से उखाड़कर साल 1954 में स्थापित समाधि में जड़ा गया था.

मार्क्स की समाधि को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक हाईगेट कब्रिस्तान पहुंचते हैं. पहली दृष्टि से पता चलता है कि पत्थर पर हथौड़े से जानबूझकर चोट की गई है. जिसके बाद पत्थर से मार्क्स का नाम मिट गया है.

हाईगेट कब्रिस्तान ट्रस्ट के चीफ एग्जक्यूटिव इयान डूंगावेल ने घटना की आलोचना की है.

डूंगावेल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कब्रिस्तान में मौजूद किसी अन्य समाधि को क्षति नहीं पहुंचाई गई है.

अंग्रेजी अखबार गार्डियन ने डूंगावेल के हवाले से कहा है, “हमें लगता है कि कार्ल मार्क्स की समाधि पर जानबूझकर हमला किया गया है. यह नियमित घटना नहीं है. आप चित्र में साफ तौर पर देख सकते हैं कि कार्ल मार्क्स की समाधि पर लगे पत्थर से उनके मिटाने का प्रयास किया गया है.”

उन्होंने इसे ‘स्वार्थ से भरा’ कदम बताया है.

वह कहते हैं, “कार्ल मार्क्स के दर्शन के बारे में कोई क्या सोचता है इससे अधिक इसे मानवीय स्तर पर देखना चाहिए. यहां पर उनकी कब्र के साथ उनकी पत्नी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की कब्र मौजूद है.”

ग्रेड-1 के रूप में सूचीबद्ध स्मारकों के साथ यह सलूक सही नहीं है.

वह कहते हैं कि मार्क्स के कट्टर विरोधियों को कब्र तोड़ने की बजाय लोगों के विचारों को बदलने की कोशिश करनी चाहिए.

मेट्रोपोलिटियन पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शुरुआती छानबीन के बाद आगे की कार्रवाई रोक दी गई है. अगर आगे कोई जानकारी मिलती है तो उसके अनुरूप जांच को बढ़ाया जाएगा.

पक्के तौर पर घटना के समय की जानकारी नहीं है. आधिकारिक रूप से पहली बार इसकी जानकारी चार फरवरी को दोपहर में हुई.  हालांकि इससे पहले क्षतिग्रस्त समाधि की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हुईं हैं.


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