सर्जरी के बाद 11 लोगों ने गंवाई आंखों की रोशनी, अस्पताल का लाइसेंस रद्द
indoreeyehospital.org
मध्य प्रदेश में इंदौर स्थित एक निजी अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. आठ अगस्त को इंदौर नेत्र अस्पताल में 11 लोगों को मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के बाद से ही कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा है. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
शुरुआती जांच में सामने आया है कि लोगों की आंखों में संक्रमण के कारण उन्हें कुछ नहीं दिख रहा है.
इंदौर नेत्र अस्पताल के अध्यक्ष को लिखे पत्र में जिला प्रमुख चिकित्सा और स्वास्थय अधिकारी प्रवीन जाडिया ने कहा, “8 अगस्त को आपके अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी करने वाले 11 लोगों की आखों की रोशनी चली गई. पत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि उपचर्यागृह तथा राजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 6(1) के तहत आपका लाइसेंस रद्द किया जाता है.”
जिला अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने कहा, “लोगों की आंखों की रोशनी पूरी तरह नहीं गई है लेकिन उन्हें सब कुछ धुंधला दिखाई दे रहा है. सभी मरीजों को शहर के चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी आंखों की रोशनी ठीक करने के लिए दोबारा सर्जरी की जाएगी. फिलहाल हमें नहीं पता कि संक्रमण किस वजह से हुआ.”
मामले की जांच के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और दो नेत्र विशेषज्ञों के साथ तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय की राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अस्पताल में 45 से 85 साल की उम्र के 14 लोगों की आंखों की सर्जरी की गई. इनमें से 10 लोग धार जिला से हैं जबकि 4 इंदौर के रहने वाले हैं. सर्जरी के कुछ समय बाद 11 लोगों ने ना देख पाने की शिकायत की.
कार्यक्रम के तहत अस्पताल ने इस साल अप्रैल से आठ अगस्त के बीच कुल 386 मोतियाबिंद की सर्जरी की.
राज्य मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
इससे पहले साल 2010 में अस्पताल में आंखों की सर्जरी कराने वाले 18 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. हालांकि छह महीने के निलंबन के बाद दोबारा सर्जरी की मंजूरी दे दी गई. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक ट्वीट में कहा, “इससे पहले हुई एक घटना के बाद भी मंजूरी कैसी दी गई, हम जांच करेंगे और सभी दोषियों की खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”