उत्तर कोरिया में हो रहे अनोखे चुनाव
उत्तर कोरिया 2014 के बाद एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया से गुजर रहा है. 700 सदस्यों वाले विधान मंडल के लिए देश के लाखों लोग वोट डालने जा रहे हैं. कहने को तो ये चुनाव हर पांच वर्ष में होते हैं, लेकिन इनका नतीजा पहले से ही तय होता है. एक तरह से ये चुनाव सांकेतिक होते हैं.
उत्तर कोरियाई तानाशाह की पार्टी डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया देश की राजनीति में इकलौती पार्टी है जो सत्ता संभालती है. वैसे तो कुछ अन्य पार्टियों और संगठनों को शासन में हिस्सेदारी दी जाती है, लेकिन इनका आस्तित्व और अधिकार उत्तर कोरियाई तानाशाह की कृपा पर निर्भर होता है.
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से कौन वाकिफ नहीं है. किम सत्ताधारी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं जो कई पीढ़ियों से देश का शासन चला रही है.
हर पांच साल की तरह उत्तर कोरिया इस बार भी ‘एकचित्त एकता’ के नारे के साथ चुनाव करा रहा है. मतदान के दौरान हर मतपत्र पर केवल एक ही स्वीकृत नाम होगा जिसके प्रति अपनी सहमति देनी होगी.
वैसे तो कहने के लिए मतदाता को मत डालने से पहले नाम को काटने का अधिकार मिला हुआ है, लेकिन ये भी सिर्फ सांकेतिक है. वास्तविकता में ऐसा होता नहीं है.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ के अनुसार पिछले साल 99.97 फीसदी मतदान हुआ था. इस दौरान केवल उन लोगों ने मतदान नहीं किया था जो देश से बाहर थे. नामित उम्मीदवारों के पक्ष में शत प्रतिशत मतदान हुआ था.
उत्तर कोरिया में भले ही वोट का सत्ता पर कोई प्रभाव ना हो, लेकिन मतदाता वोट डालने के लिए उत्साहित नजर आते हैं. खासकर युवा मतदाता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. किम जू ग्योंग 19 वर्षीय कॉलेज विद्यार्थी हैं. ग्योंग कहते हैं, “पहली बार वोट डालते हुए मुझे बड़ा गर्व हो रहा है.” उत्तर कोरिया में वोट डालने के लिए वैध आयु 17 साल है.
नियमों के मुताबिक उत्तर कोरिया में कोई मतदाता उम्मीदवार के विरोध में वोट नहीं कर सकता. चुनाव समिति के अध्यक्ष जिन की चोल ने बताया, “कोई उम्मीदवार के विरोध में वोट नहीं कर सकता. लोगों को उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी होती है. उनको पता होता है कि उम्मीदवार अच्छा काम कर रहा है.”
चुनाव के दिनों में पूरा उत्तर कोरिया त्योहार के मूड में रहता है. शहरों में सड़कों पर बैंड निकलते हैं. डांस ग्रुप खुशी में झूमते नजर आते हैं. उत्तर कोरिया अपने चुनाव को पूरी तरह से लोकतांत्रिक बताता है. उनका कहना है कि यहां सभी को अपना मत देने का अधिकार है, इसलिए ये पूरी तरह से लोकतांत्रिक है.
कोरियाई शासन के शिखर पर बैठने वाले का नाम तो पहले से तय होता है. लेकिन फिलहाल कोरियाई लोग चुनाव के त्योहार का मजा ले रहे हैं.