आरटीआई कानून में संसोधन को लेकर जयराम रमेश की याचिका पर नोटिस


Notice to Center on Jairam Ramesh's petition for amendment to RTI Act

 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें सूचना का अधिकार (संशोधन) कानून, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. इस संशोधन के जरिए सरकार को सूचना आयुक्तों का कार्यकाल, वेतन और भत्ते तय करने का अधिकार दिया गया है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और केएम जोसेफ की पीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

राज्यसभा सांसद रमेश ने अपनी दलील में कहा कि आरटीआई संशोधन कानून, 2019 और सूचना का अधिकार (पदाधिकारी का कार्यकाल, वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2019 सभी नागरिकों के सूचना के मौलिक अधिकार का ‘सामूहिक रूप से उल्लंघन’ करता है, जिसकी गारंटी संविधान ने दी है.

वकील सुनील फर्नांडिस द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि संशोधित कानून के प्रावधान के जरिये केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) के पांच साल के पूर्व निर्धारित कार्यकाल को बदल दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि संशोधित कानून की धारा 2(सी) केंद्र सरकार को केंद्रीय सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और कार्य दशाएं तय करने का अधिकार देती है, जो कि इससे पहले आरटीआई कानून की धारा 13 (5) के तहत चुनाव आयुक्तों के समकक्ष था.


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