ट्रंप के दावे पर विपक्ष ने कहा- पीएम ने किया देश हित के साथ विश्वासघात
कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप के दावे के बाद पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया है. विपक्षी दलों ने इसे आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए तीखा हमला बोला है. इन नेताओं ने इसे देश के लोगों के साथ विश्वासघात बताया है.
खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प ने कहा कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी.
इस दावे के सामने आने के बाद कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया. किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है.”
उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री देश को जवाब दें.
इससे पहले ट्रंप ने कहा था, “मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी. यह मसला 70 साल से चल रहा है. मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी.”
उधर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी इसको लेकर विरोध जताया है. उन्होंने कहा, “इसके बाद कश्मीर राज्य पर हमारी संप्रभुता का क्या मतलब है, जो शिमला समझौते में बताई गई है. क्या हमारे ट्विटर प्रिय प्रधानमंत्री के पास ट्रंप के इस सार्वजनिक बयान का खंडन करने की हिम्मत होगी.”
उधर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने हैरानी जतायी कि भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा कहेगी या फिर इस विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर भारत ने अपनी स्थिति बदल ली है.
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि डोनल्ड ट्रंप चौंकाने वाली बात कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में अमेरिका को शामिल होने का अनुरोध किया है, हालांकि मैं यह देखना चाहता हूं कि क्या ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय उन्हें मदद के लिए कहेगा.”