पाकिस्तान को मानना होगा आईसीजे का फैसला


Pak have to implement ICJ's decision in Kulbhushan Jadhav case

  International Court of Justice (Wikimedia Commons)

कुलभूषण जाधव मामले में विश्व अदालत में 18 फरवरी से मौखिक सुनवाई सुनवाई शुरू होने जा रही है. इस मामले पाकिस्तान को विश्व कोर्ट या इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसला मानाना होगा.

इस पर पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने मामले में मौखिक सुनवाई के लिए हेग के लिए देश के प्रतिनिधिमंडल के रवाना होने पर यह जानकारी दी.

इससे पाकिस्तानी सेना की अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर भारतीय नागरिक जाधव (48) को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इसके खिलाफ उसी साल मई में आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था.

आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 में पाकिस्तान को मामले में न्यायिक निर्णय आने तक जाधव को सजा देने से रोक दिया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘डॉन’ से कहा कि पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जबकि दक्षिण एशिया के महानिदेशक मोहम्मद फैसल विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे.

आईसीजे ने हेग में 18 से 21 फरवरी तक मामले में सार्वजनिक सुनवाई का समय तय किया है और मामले में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरीश साल्वे के 18 फरवरी को पहले दलीलें पेश करने की संभावना है.

दैनिक अखबार ने बताया कि पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिवक्ता खावर कुरैशी 19 फरवरी को देश की ओर से दलीलें पेश करेंगे. इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर जवाब देगा जबकि इस्लामाबाद 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा.

ऐसी उम्मीद है कि आईसीजे का फैसला 2019 की गर्मियों में आ सकता है.

नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बृहस्पतिवार को मामले की जानकारियां देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय अदालत में 18 फरवरी से मौखिक सुनवाई शुरू हो रही है. भारत अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखेगा. चूंकि मामला न्यायालय के विचाराधीन है तो सार्वजनिक रूप से हमारी स्थिति के बारे में बताना उचित नहीं है. हम जो भी करेंगे, अदालत में करेंगे.’’


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