आलोचनाओं का सामना कर रही बिस्कुट कंपनी पारले-जी ने पेश की सफाई


parle ji gave clarification on facing criticism against child labour

 

छत्तीसगढ़ के रायपुर की अपनी एक फैक्ट्री में बाल मजदूरों से काम करवाने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पारले-जी ने अपनी सफाई दी है.

कंपनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जिस इकाई से बाल मजदूरों को छुड़ाया गया है, उन्हें वहां तीसरे पक्ष के ठेकेदार ने रखा था.

पारले-जी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और कंपनी ने ‘ठोस कार्रवाई’ का आश्वासन दिया है.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि पारले-जी इन आरोपों से ‘चिंतित’ है. उन्होंने कहा, “इस मामले में कारखाने का संचालन पारले प्रोडक्ट्स द्वारा नहीं किया जाता है. इसका संचालन एक तीसरे पक्ष के ठेकेदार द्वारा किया जाता है.”

रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के विधानसभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आमासिविनी गांव में पारले-जी बिस्कुट की निर्माण इकाई में पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया था. बच्चों को किशोर गृह भेज दिया गया है.

विधानसभा पुलिस थाना अधिकारी (एसएचओ) अश्विनी राठौड़ ने बताया कि बाल श्रम पर एक सरकारी कार्यबल को आमासिवनी इलाके में पार्ले-जी की फैक्ट्री में बाल मजदूरों के काम करने के बारे में गुप्त सूचना मिली थी.


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