राजस्थान सरकार ने हटाई सावरकर के आगे से ‘वीर’ की उपाधि
राजस्थान सरकार ने स्कूली किताबों से विनायक दामोदर सावरकर के नाम से वीर की उपाधि हटा दी है. इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने किताबों में कुछ अन्य बदलाव भी किए हैं. इन बदलावों के साथ ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताबें वितरित की गई हैं.
असल में राजस्थान सरकार ने हाल ही में स्कूली किताबों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया था. इस समिति की सिफारिशों पर ही किताबों में बदलाव किया गया है.
सावरकर को लेकर यह बदलाव बारहवीं की इतिहास की किताब में किया गया है. इनमें कहा गया है कि सावरकर ने 1910-11 में ब्रिटिश सरकार से नरमी बरतने की गुजारिश करते हुए खुद को पुर्तगाल का पुत्र बताया और इसके बाद तीन दया याचिकाएं भेजीं.
राजस्थान सरकार ने जिस समिति का गठन किया था, उसने सावरकर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे का समर्थक बताया है. इसके आधार पर राजस्थान सरकार ने सावरकर के जीवन परिचय में भी बदलाव किया है.
अन्य कुछ बदलावों पर अगर नजर डालें तो दसवीं की सोशल साइंस की किताब में महाराणा प्रताप को लेकर बदलाव किया गया है. वहीं बारहवीं की राजनीति विज्ञान की किताब में एक अध्याय नोटबंदी को लेकर जोड़ा गया है.
इन बदलावों को लेकर बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. वहीं राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद डोटसारा ने कहा है कि सारे बदलाव समिति में शामिल विशेषज्ञों की अनुशंसा पर किए गए हैं.