क्या सीबीआई में राकेश अस्थाना का प्रभाव अब भी कायम?


Rakesh Asthana still influential in CBI

 

क्या सीबीआई से विदा हो चुके पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का सीबीआई में प्रभाव और दखल अब भी कायम है? बीते बुधवार को सीबीआई में दो महत्वपूर्ण पदों पर हुए बदलाव यही संकेत करते हैं.

सरकार ने अतिरिक्त निदेशक के पद पर प्रवीण सिन्हा जबकि संयुक्त निदेशक के पद पर अमित कुमार को नियुक्त किया. इससे पहले प्रवीण सिन्हा संयुक्त निदेशक के रूप में कोल घोटाले की जांच कर रहे थे. वे 1988 के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वहीं, संयुक्त निदेशक बनाए गए अमित कुमार सीबीआई में डीआईजी थे. वे 1998 के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और सीबीआई के पॉलिसी डिवीजन में काम कर रहे थे. ये दोनों ही राकेश अस्थाना के करीबी माने जाते हैं.

इन दोनों नियुक्तियों में राकेश अस्थाना के प्रभाव का पता इस बात से भी चलता है कि प्रवीण सिन्हा और अमित कुमार की नियुक्ति सीबीआई के पूर्व अतिरिक्त निदेशक आलोक वर्मा के करीबी माने जाने वाले अनीस प्रसाद और अभय सिंह के कार्यकाल को कम करके की गई है.

साल 2003 के त्रिपुरा कैडर के आईपीएस अधिकारी अनीस प्रसाद उस जांच यूनिट के प्रमुख थे जो आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने के लिए बनाई थी. प्रसाद द्वारा मिली कुछ कॉल रिकार्ड्स के आधार पर ही राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ की रिश्वत लेने का मामला दर्ज हुआ था.

जाहिर है कि अन्दरखाने में सीबीआई के भीतर अब भी बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है.


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