फिल्म डिवीजन के पास नहीं हैं फिल्म रीलों को रखने की जगह
Twitter
पिछले कई दशकों में फिल्म डिवीजन द्वारा बनाई गईं सेल्युलाइड नेगेटिव डॉक्यूमेंट्री रील के लगभग 11,000 कैन को मुंबई कार्यालय के कॉरिडोर में पर्यायवरण का खयाल रखे बिना संग्रहित किया जा रहा है.
फिल्म डिवीजन ने पुणे स्थित नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया से इन रीलों को सरंक्षित करने का अनुरोध किया था. लेकिन एनएफएआई ने जगह की कमी के कारण अपनी असमर्थता बताकर पल्ला झाड़ लिया.
एक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार फिल्म डिवीजन ने एनएफएआई को सितम्बर 1996 से दिसम्बर 2015 के बीच 19,787 फिल्म कैन भेजे, लेकिन एनएफएआई ने इन्हें स्वीकार नहीं किया क्योंकि दो वाल्ट फिल्म डिविजन द्वारा पहले ही भरे जा चुके हैं.
तीन साल पहले तक फिल्म डिवीजन की रीलों को मुंबई में पेडर रोड स्थित वातानुकूलित कमरों में रखा जाता था. लेकिन साल 2016 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा सीबीएफसी के लिए जगह को खाली करा लिया गया था.
तब रील के कैनों को छठी और सातवीं मंजिल के गलियारों में रख दिया गया था. जबकि 6896 रीलों को एनएफआई को तीन ट्रेंच में सुरक्षित रखने के लिए भेजा गया था. लेकिन 11000 रीलों को अभी भी अस्थाई रूप से संग्रहित किया जा रहा है.
14 नवम्बर 2018 को फिल्म डिवीजन के तत्कालीन महानिदेशक प्रशांत पथराबे ने एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मागदुम से अति मूल्यवान अभिलेखीय सामग्री के संरक्षण के लिए तत्काल ध्यान देने की मांग की थी.
फिल्म डिवीजन में वितरण के लिए प्रभारी अधिकारी अनिल कुमार एन ने अपनी ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म डिवीजन अपनी फिल्मी सामग्री के संरक्षण और रखरखाव को अत्यधिक प्राथमिकता देता है. सभी मूल्यवान नेगेटिव एनएफआई के वाल्टों में संरक्षित हैं.
फिल्म डिवीजन के डायरेक्टर केएल सेनापति ने कहा कि तीन साल पहले सीबीएफसी के लिए जगह खाली करने के बाद अभी इन रील के कैनों को अपनी वर्तमान जगह पर रखा गया है. हमने इसे लेकर एनएफआई से संपर्क किया लेकिन वह अभी भी जगह की कमी होने की बात कर रहे हैं.
अधिकांश रीलों का डिजिटलीकरण किया गया है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सेल्युलॉइड डिजिटलीकरण के बाद भी अत्यधिक अभिलेखीय मूल्य रखता है.
राष्ट्रीय फिल्म हेरिटेज मिशन के प्रमुख, एनएफआई में विशेष कर्तव्य अधिकारी संतोष अजमेरा ने कहा कि एनएफआई ने अपने कोथरूड परिसर के पास तीन एकड़ के भूखंड पर नए अत्याधुनिक भंडारण सुविधाओं के निर्माण की योजना बनाई है जो हाल ही में फिल्म एंड टेलीविजन ऑफ इंडिया से मिली थी.
आरटीआई का जवाब देते हुए फिल्म डिवीजन अधिकारीयों ने कहा कि वे डिजिटल सूची तैयार करने की प्रक्रिया में थे.
50 डॉक्यूमेंट्री के नाम प्राप्त किए, जिनकी मास्टर रील कॉरिडोर में राखी हुई है, जिनमें आई एम 20 (1967) है, जो एसएनएस शास्त्री द्वारा निर्देशित है और फिल्म डिविजन के तत्कालीन मुख्य निर्माता जीन बोनागिरी द्वारा निर्मित है.