असम आंदोलन की पहली महिला शहीद बैजयंती देवी के परिवार का नाम एनआरसी में नहीं!


The name of the family of the first woman martyr of the Assam movement, Bijayanti Devi, is not in the NRC!

 

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता दुर्गा खाटीवाडा और असम आंदोलन की पहली महिला शहीद बैजयंती देवी के परिवार के सदस्यों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पूर्ण मसौदे से बाहर रखा गया है. भारतीय गोरखा परिसंघ संगठन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उनके अलावा स्वतंत्रता सेनानी छबीलाल उपाध्याय की प्रपौत्री मंजू देवी को एनआरसी की ताजा प्रक्रिया से बाहर रखा गया है.

परिसंघ के राष्ट्रीय सचिव नंदा किराती देवान ने गुवाहाटी में कहा कि तीनों मामले गोरखाओं से जुड़े हुए हैं और एनआरसी प्रक्रिया से उन्हें बाहर रखकर समुदाय का अपमान किया गया है और अगर इस मामले का समाधान नहीं किया गया तो इसे अदालत में ले जाया जाएगा.

देवान ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों और असम आंदोलन के शहीदों के परिजनों को एनआरसी से बाहर रखकर उनका अपमान किया गया है. ’’

उन्होंने कहा कि साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता और असम नेपाली साहित्य सभा की अध्यक्ष दुर्गा खाटीवाडा का नाम एनआरसी अधिकारियों द्वारा 26 जून को जारी निष्कासन सूची में शामिल है.

बैजयंती देवी के पिता अमर उपाध्याय ने कहा कि उनके प्रपौत्रों एवं उनकी मां निर्मला देवी का नाम भी निष्कासन सूची में शामिल है.

देवान ने कहा, ‘‘असम में कांग्रेस के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी छबीलाल उपाध्याय की प्रपौत्री मंजू देवी का नाम भी सूची से बाहर है.’’


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