भारत में ईसाइयों पर अत्याचारों का मामला उठाएगा ब्रिटेन


eight candidate are in fray to replace theresa may

 

ब्रिटेन सरकार ने कहा कि वह भारत में ईसाइयों पर कथित जुल्मों के मुद्दे को उठाएगी. हाउस ऑफ कॉमन्स में विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के लिए सवाल-जवाब के निर्धारित सत्र के दौरान ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के मंत्री मार्क फील्ड ने कहा कि ब्रिटेन सरकार भारत में कथित धार्मिक अत्याचारों के सभी मामलों को अपने समकक्षों के साथ उठाएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर भारत उन देशों में से एक है जहां हाल के वर्षों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं और हम निश्चित तौर पर वाणिज्य दूतावास स्तर पर सभी मामलों को उठाएंगे.’’

सांप्रदायिक तनाव और अल्पसंख्यकों की खराब स्थिति को लेकर विदेशी अखबारों में नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना हुई है. अंग्रेजी पत्रिका द इकॉनोमिस्ट के  संपादकीय में कहा गया है कि नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी गलती हिन्दू-मुसलमान के बीच तनाव को लगातार हवा देना है. उन्होंने देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री एक हिन्दू धर्मगुरू को बनाया जिसने चुनाव प्रचार को दो विश्वासों की लड़ाई के तौर पर पेश किया.

प्रतिष्ठित अंग्रेजी पत्रिका द इकॉनमिस्ट के बाद टाइम ने भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए लिखा है कि सरकार न सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर विफल हुई है बल्कि उसने भारत में एक जहरीले धार्मिक राष्ट्रवाद का वातावरण निर्मित किया है. पत्रिका ने लिखा है कि मोदी 2014 में किए गए अपने वादों का पूरा करने में सफल नहीं हुए हैं. उनका ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा विडंबना साबित हुआ है. पत्रिका लिखती है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में बुनियादी कानूनों का ढांचा इस कदर दूषित हुआ है कि अब खुद सरकार के लिए सांप्रदायिक हिंसा को नियंत्रित करना संभव नहीं रह गया है.


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