जन्मदिन विशेष : समानांतर फिल्मों से अलग मुकाम हासिल करने वाली शबाना


हिन्दी सिनेमा और रंगमंच में शानदार अभिनय करने वाली शबाना आजमी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. मशहूर कवि कैफी आजमी और अभिनेत्री शोकत आजमी के घर 18 सितंबर 1950 को शबाना आजमी का जन्म हुआ.

शबाना स्कूल के समय से ही ड्रामा में भाग लिया करती थी और कॉलेज में वे रंगमंच से जुड़ गई थी. कॉलेज के बाद शबाना ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान से शिक्षा ली.

शबाना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत समानांतर सिनेमा की से की थी. बतौर अभिनेत्री उनकी शुरुआत साल 1975 में फिल्म ‘अंकुर’ से हुई थी . फिल्म ‘अंकुर’ का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था. इस फिल्म के लिए शबाना को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

इसके बाद वे साल 1983 में ‘अर्थ’, साल 1984 में ‘खंडहर’, साल 1985 में ‘पार’ और साल 1985 में ‘भावना’ नें नजर आई. फिल्म ‘गॉडमदर’ के लिए साल 1999 में उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

इतना ही नहीं शबाना ने व्यावसायिक फिल्मों में भी नाम कमाया. शबाना ने बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया. लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई. शबाना ने सिर्फ हिन्दी सिनेमा में ही अपना योगदान नहीं दिया बल्कि अतंरराष्ट्रीय सिनेमा में भी अपने अभिनय का परचम लहराया.

बात शबाना के निजी जीवन की करें तो उन्होंने जावेद अख्तर से शादी की है. अख्तर जाने-माने लेखक और संगीतकार हैं.

फिल्म ‘फायर’ के कारण शबाना को विरोध का भी समाना करना पड़ा था. ये फिल्म स्त्री समलैंगिता पर अधाारित थी. आज भी शबाना के अभिनय का जादू हिन्दी सिनेमा में छाया हुआ है. शबाना के शानदार अभिनय के लिए चार बार फिल्‍मफेयर अवार्ड सम्मानित किया गया. साल 1988 में उन्‍हें पद्मश्री पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया.

(साभार- Twitter, Instagram, NFAI)


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