नेल्सन मंडेला: रंगभेद के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाला महामानव


journey of nelson mandela in some of his rare pictures

दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति और रंगभेद के खिलाफ संघर्ष छेड़ने वाले नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 में साउथ अफ्रीका के गांव म्वेज़ो में हुआ था. उनके पिता का नाम गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा मंडेला और उनकी मां का नाम नेक्यूफी नोसकेनी था. मंडेला जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी.

प्राथमिक स्कूल में दाखिले के दौरान उन्हें नेल्सन नाम दिया गया क्योंकि वहां सभी स्कूली बच्चों को ईसाई नाम देने का रिवाज था. नेल्सन ने मैट्रिक की शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद स्नातक की पढ़ाई करने के लिए फोर्ट हारे विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. हालांकि पढ़ाई के दौरान विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के चलते प्रशासन द्वारा उन्हें विश्वविद्यालय से बाहर निकाल दिया गया. विश्वविद्यालय से निकाले जाने के बाद नेल्सन ने कुछ जगहों पर नौकरियां की.

1962 में मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में नेल्सन को गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई. सजा के लिए उन्हें रॉबेन द्वीप की जेल में भेजा गया हालांकि सजा से भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ. उन्होंने जेल में भी अश्वेत कैदियों को लामबन्द करना शुरू कर दिया था.

जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद, 11 फ़रवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई. रिहाई के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतांत्रिक और बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी.

लोग नेल्सन मंडेला को कुल-नाम और आदर से मडिबा कह कर पुकारते हैं. मंडेला 1962 से 1990 तक जेल में रहे. इस दौरान उन्होंने गुप्त रूप से अपनी जीवनी लिखी. जेल में लिखी गई उनकी जीवनी 1994 में एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई. पुस्तक का नाम था ‘लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम’.

5 दिसंबर 2013 में मंडेला के निधन से चार साल पहले 18 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका में ‘मंडेला डे’ मनाना शुरू हुआ. इस मौके पर दक्षिण अफ्रीका के लोग बड़े पैमाने पर सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करते हैं. इन गतिविधियों का लक्ष्य विश्व शांति को बढ़ावा देना है.

1994 में दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के वक्त उन्होंने कहा- “इस खूबसूरत भूमि पर अब कभी भी किसी के हाथों किसी का दमन नहीं होगा…. इस गौरवमय मानव उपलब्धि का कभी सूर्यास्त नहीं होगा… आइए, स्वतंत्रता का राज स्थापित करें….”

(सभी तस्वीरें Wikimedia Commons और www.nelsonmandela.org से साभार.)


तस्वीरें