महाराष्ट्र: जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार


 

महाराष्ट्र में रोजगार, पेयजल और फसल ऋण की उपलब्धता मतदाताओं की प्राथमिकता में है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वेक्षण के मुताबिक इन तीनों शीर्ष प्राथमिकताओं में सरकार का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा है.

एडीआर अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र के सर्वेक्षण में राज्य के सभी 48 संसदीय क्षेत्रों के करीब 24000 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया. सर्वेक्षण अक्टूबर और दिसम्बर 2018 के बीच कराया गया था.

सर्वेक्षण दिखाता है कि बेहतर रोजगार अवसर (42.10 प्रतिशत), पेयजल (37.53 प्रतिशत) और कृषि ऋण उपलब्धता (29 प्रतिशत) राज्य में मतदाताओं की तीन शीर्ष प्राथमिकताएं हैं.

इन तीन प्राथमिकताओं पर सरकार का प्रदर्शन पांच के पैमाने पर क्रमश: 2.48, 2.52 और 2.35 प्रतिशत आंका गया.

ग्रामीण महाराष्ट्र में मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकताएं कृषि ऋण उपलब्धता (51 प्रतिशत), कृषि के लिए पानी की आपूर्ति (49 प्रतिशत) और कृषि उपज की उच्च मूल्य प्राप्ति (46 प्रतिशत), जबकि इन मुद्दों पर सरकार का प्रदर्शन पांच के पैमाने पर क्रमश: 2.35, 2.29 और 2.17 आंका गया.

सर्वे के मुताबिक सरकार ने बीज/उर्वरक के लिए कृषि सब्सिडी मुहैया कराने (2.24) और कृषि के लिए बिजली (2.27) में खराब प्रदर्शन किया है.

महाराष्ट्र में शहरी मतदाताओं के लिए शीर्ष प्राथमिकता बेहतर रोजगार अवसर (48 प्रतिशत), पेयजल (43 प्रतिशत) और यातायात जाम (35 प्रतिशत) था.

इन प्राथमिकताओं पर सरकार का प्रदर्शन क्रमश: 2.27, 2.32 और 2.10 आंका गया.


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