पंजाब सरकार पराली जलाने से रोकने के लिए 28,000 कृषि मशीनें मुहैया कराएगी
पंजाब सरकार का पराली जलाने से रोकने और प्रदूषण को कम करने को लेकर एक अहम फैसला आया है. पंजाब का कृषि विभाग मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 278 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगा. साथ ही राज्य के किसानों को 28,000 से ज्यादा कृषि मशीनों या खेती के उपकरण मुहैया कराए जाएंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि पराली के प्रबंधन के लिए योजना के तहत किसानों को 50 से 80 प्रतिशत तक की रियायत दी जा रही है.
सहकारी संगठनों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी, जबकि लोगों को 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी.
कृषि सचिव केएस पन्नू ने कहा कि सरकार पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को अत्याधुनिक मशीनें प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
उन्होंने सूचित किया कि विभाग को रियायती मशीनों के लिए अब तक किसानों, किसान समूहों और प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाइटी से करीब 12000 आवेदन मिले हैं.
दरअसल, दिल्ली में स्मॉग की समस्या के लिए हरियाणा और पंजाब में धान की फसल की कटाई के बाद जलाई जाने वाली पराली को जिम्मेदार माना गया.
पराली धान की फसल के कटने बाद बचा बाकी हिस्सा होता है जिसकी जड़ें धरती में होती हैं. किसान पकने के बाद फसल का ऊपरी हिस्सा काट लेते हैं क्योंकि वही काम का होता है बाकी अवशेष होते हैं जो किसान के लिए बेकार होते हैं, उन्हें अगली फसल बोने के लिए खेत खाली करने होते हैं तो सूखी पराली को आग लगा दी जाती है.
बाद में पराली जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जिस पर कोर्ट ने चिंता व्यक्त की थी. कोर्ट ने ऐसा करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अनुसार अगर कोई किसान पराली जलाता है तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई का प्राविधान है.