सरकार ने संवैधानिक दर्जा वाले राष्ट्रीय किसान आयोग के गठन का आग्रह माना


AIKC N chairman nana patole writes to pm modi on challenges before the farmers in India

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राज्यसभा सदस्यों ने किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से संवैधानिक दर्जा वाले राष्ट्रीय किसान आयोग के गठन का आग्रह मान लिया है.

बीजेपी सदस्य विजयपाल सिंह तोमर ने इस संबंध में एक निजी संकल्प सदन में पेश किया था. तोमर ने अपना निजी संकल्प पेश करते हुए किसानों की विभिन्न समस्याओं का जिक्र किया और उनका हल करने के लिए संवैधानिक दर्जा वाले राष्ट्रीय किसान आयोग की स्थापना का आग्रह भी किया था.

तोमर ने किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने का मुद्दा उठाया था और कहा कि यदि किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाए तो कई अनमोल जानें बचाई जा सकती हैं तथा कृषि क्षेत्र में और विकास सुनिश्चित हो सकता है.

उन्होंने कहा कि पहले देश में अनाजों का पर्याप्त उत्पादन नहीं होता था लेकिन अब स्थिति यह है कि इतना उत्पादन हो रहा है कि उसके लिए पर्याप्त भंडारण की सुविधा नहीं है. इस वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बड़े हिस्से में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं होने पर भी अफसोस जताया.

तोमर ने कहा कि देश के विकास में खेती की भूमिका अहम है और देश की समृद्धि का रास्ता खेत व खलिहान से ही गुजरता है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से देश के किसानों का कई तरीकों से शोषण किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कृषि क्षेत्र को पर्याप्त आवंटन नहीं किया गया. हालांकि वर्तमान सरकार ने इस दिशा में ध्यान दिया है और इस बार कृषि बजट में खासी वृद्धि की गयी है.

उन्होंने कहा कि खेती में लाभ नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में किसानों ने खेती छोड़ दी है. उन्होंने किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों को दी जा रही धनराशि 6,000 रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपए करने की भी मांग की.

चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि धनवान लोगों द्वारा किसानों की जमीन छीने लेने की घटनाएं होती रहती हैं और इस वजह से संघर्ष भी होते हैं. इस संबंध में भी विचार करने की जरूरत है.

उन्होंने इस क्रम में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में 10 आदिवासी किसानों की हत्या की घटना का परोक्ष रूप से जिक्र किया था. उन्होंने राज्य का नाम नहीं लिया और कहा कि वहां की स्थिति के बारे में गृह मंत्री को सदन में एक बयान देना चाहिए.


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