669 ट्रांसजेंडरों ने किया थर्ड जेंडर के तहत पहला मतदान


Decision to vote is an exercise in “seeking changes,

 

कानूनी रूप से पहचान मिलने के बाद दिल्ली में ट्रांसजेंडर समुदाय ने रविवार को पहली बार इस जेंडर के तहत अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

दिल्ली के चुनाव आयोग के कार्यालय के अनुसार 17वीं लोकसभा चुनाव में थर्ड जेंडर श्रेणी के तहत लगभग 669 ट्रांसजेंडर का मतदाता के रूप में पंजीकरण हुआ है. दिल्ली में 64,42,762 महिला मतदाता हैं और 78,73,022 पुरुष मतदाता हैं.

अब तक नीति निर्माताओं की नजरों से गायब रहने वाले इस समुदाय को संविधान के तहत कानूनी रूप से परिभाषित महिला और पुरुष के बराबर का दर्जा मिलना अब भी बाकी है.

इस समुदाय के सदस्यों का कहना है कि हमरा वोट हमारे जीवन में हर तरह से बदलाव लाने के लिए है.

एक एनजीओ में काम करने वाली रिहाना यादव ने कहा, “इससे पहले मैंने दो बार वोट डाला है. लेकिन इस बार मैंने अपनी सही पहचान के साथ वोट डाला है. लोगों ने हमें नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (एनएएलएसए) के फैसले जिसने हमें थर्ड जेंडर के रूप में पहचान दी है, के बाद से स्वीकार करना शुरू किया है. वोट डालते समय मेरे जेहन में यह भी था कि हाल में दिल्ली सरकार ने हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने की बात कही है.”

मुमताज बाई ने कहा, “इस समुदाय के मतदाताओं का नामांकन एनएएलएसए के फैसले के आधार पर हुआ है. हमारे देश में गरीबों के लिए नीतियां बनाई जातीं हैं, लेकिन, हमारे लिए कुछ भी नहीं है. थर्ड जेंडर समुदाय को बेरोजगारी की समस्या से बड़े पैमाने पर जूझना पड़ रहा है.”

मुमताज ने कहा कि जो महिला या पुरुष हैं उन्हें जॉब ना मिलने की समस्या हो सकती है, लेकिन हमें तो जॉब करने लायक ही नही समझा जाता है.

लवली बाई ने कहा कानूनी रूप से पहचान मिलने के बाद भी इस समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में आने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

एक और ट्रांसजेंडर सपना बाई ने कहा कि उन्होंने एक नई सरकार के लिए मतदान किया है जो अपने किए वादों को पूरा करेगी.


राजनीति