ईवीएम और वीवीपैट चिप के बारे में चुनाव आयोग ने झूठ बोला: आरटीआई


several EVMs important parts are stolen in mp

 

एक आरटीआई से पता चला है कि ईवीएम और वीवीपैट में प्रयोग होने वाली माइक्रो कंट्रोलर चिप को लेकर चुनाव आयोग ने झूठ बोला है. इसके साथ ईवीएम और वीवीपैट बनाने वाली कंपनियों भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यावसायिक भरोसे का हवाला देकर ईवीएम से जुड़ी फर्मवेयर या सोर्स कोड ऑडिट की जानकारी साझा करने से मना कर दिया.

वेंकटेश नायक द्वारा डाली गई आरटीआई से ईवीएम के संबंध में कई जानकारियां सामने आई हैं. इससे पता चला है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा बनाई गईं ईवीएम और वीवीपैट में प्रयुक्त माइक्रो कंट्रोलर चिप का निर्माण अमेरिका स्थित अरबों डॉलर की कंपनी एनएक्सपी ने किया है. इन्हीं ईवीएम और वीवीपैट का प्रयोग इन चुनावों में हुआ है.

इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने माइक्रो कंट्रोलर चिप बनाने वाली कंपनी का नाम आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8(1)(d) के तहत व्यावसायिक भरोसे का हवाला देते हुए साझा करने से मना कर दिया.

माइक्रो कंट्रोलर चिप के बारे में चुनाव आयोग का कहना है कि ये वन टाइम प्रोग्रामेबल है, जबकि इसे बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है कि इसमें तीन तरह की मेमोरी एसआरएम, फ्लैश और ईईपीआरओएम का प्रयोग होता है. जानकार बताते हैं कि जिन माइक्रो कंट्रोलर चिप में फ्लैश मेमोरी का प्रयोग होता है, उन्हें वन टाइम प्रोग्रामेबल नहीं कहा जाता है.

आरटीआई से पता चला है कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय सूचना आयोग के सितंबर 2018 के उस सुझाव पर कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग यह देखे कि क्या ईवीएम के फर्मवेयर या सोर्स कोड के बारे में जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है, ताकि ईवीएम को लेकर लोगों में भरोसा कायम रहे.

आरटीआई से पता चला है कि पांच साल बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग ने अपनी ही टेक्निकल इवैलुएशन कमिटी के उस सुझाव पर कोई काम नहीं किया है, जिसमें कहा गया है कि चिप से जुड़े फर्मवेयर या सोर्स कोड को ट्रांसपेरेंट कर दिया जाए ताकि उसमें कोई गड़बड़ी ना हो.

इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने बताया है कि फर्मवेयर या सोर्स कोड की टेस्टिंग एसटीक्यूसी नाम की तीसरी पार्टी ने की है. यह एजेंसी इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के तहत आती है. लेकिन मंत्रालय के सीपीआईओ ने इस बारे में जानकारी साझा करना इस आधार पर मना कर दिया कि रिपोर्ट्स बहुत भारी भरकम हैं.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने चुनाव आयोग को 2,678.13 करोड़ रुपये की ईवीएम और वीवीपैट की सप्लाई की है. इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने यह जानकारी इस आधार पर साझा नहीं की है कि इससे जुड़ा डेटा चुनाव के बाद ही उपलब्ध होगा.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने जहां दावा किया है कि 4 बैलट यूनिट के साथ मतदान करने पर ईवीएम की बैटरी क्षमता 16 घंटे की है, वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने दावा किया है कि ईवीएम की बैटरी क्षमता 2 साल की है.


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