मॉबलिंचिस्तान बनता हिन्दुस्तान


Hindustan becomes mob lynching paradise

 

हिन्दुस्तान को विश्व का सबसे बड़ा ‘लोकतांत्रिक देश’ कहते हैं और कुछ लोग तो कहते हैं कि ‘हम विश्व गुरु बनेंगे, दुनिया को रास्ता दिखाने वाले हैं.’ इस देश में रोज ऐसी घटनाएं घट रही हैं जहां लगता है कि हम देश को रिवर्स गियर में डाल कर एक्सलेटर दबा रहे हैं.

जुलाई, 2017 को बंगाल के मुर्शिदाबाद से एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें एक महिला को ट्रैक्टर से बांध कर पीटा जा रहा था, वह तस्वीर आज भी हमारे जेहन में बैठी हुई है. महिला को ट्रैक्टर पर बैठा कर उसके दोनों हाथों और कमर को रस्सियों से बांधा गया है. महिला के कपड़े फट गए हैं और मुंह पर सूजन और होंठ से खून निकलते दिख रहा था फिर भी कुछ लोग उसके बालों को नोंच (खींच) रहे हैं तो कोई उसके ऊपर लात-घूसे, डंडे बरसा रहे है.

यह महिला 42 साल कि अतिरा बीबी जो कि मानसिक रूप से विक्षिप्त थी. वह अपने घर से निकल गई थी और इधर-उधर भटक रही थी. उसी समय किसी ने बच्चा चोरी का आरोप लगा दिया और देखते ही देखते इस विक्षिप्त महिला से भी ज्यादा, भीड़ विक्षिप्त हो गई. उसकी इतनी पिटाई कि गई कि वह अस्पताल जाने के बाद इस दुनिया को छोड़ गई.

इसी तरह कि खबर उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, हरियाणा इत्यादी जगहों से आती रही हैं, कभी गौकशी, कभी बीफ खाने के नाम पर तो कभी बच्चा चोरी तो कभी सामान चोरी के नाम पर मॉब लिचिंग होती रही है. इस पर देश का सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है, कमेटियां बैठ चुकी हैं और उनकी रिपोर्ट भी आ गई है फिर भी यह घटना रूकने कि जगह बढ़ती जा रही है. हम देखें तो अगस्त माह में ही बच्चा चोरी के आरोप में दर्जन से अधिक लोगों कि पिटाई देश के केवल एक राज्य उत्तर प्रदेश के एक इलाके (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) में हो चुकी हैं जिसमें से कुछ लोगों कि मौत हो चुकी है.

एक सवाल के जबाब में गृह मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी थी कि 2014 से 17 तक उत्तर प्रदेश में तीन मॉब लिंचिंग की घटनाओं में दो लोगों की मौत हुई हैं. 2019 का अगस्त माह देखें तो एक दिन में, एक ही इलाके में दो लोगों कि पीट-पीटकर हत्या कि जा चुकी है. अगर इस पर लगाम नहीं लगाया गया तो योगी सरकार में 729 हत्याएं और 803 जो बलात्कार कि घटना हुई है वह पिछे छूट जाएगी.

10 अगस्त को गोंडा के नवाबगंज थाना क्षेत्र के रेहली भाईलाल पुरवा में एक महिला ने स्कूल में छुट्टी का समय पूछा तो लोगों ने बच्चा चोरी करने का शक करते हुए उसे पकड़ लिया और पेड़ में बांधकर पिटाई की. ग्रामीण महिला को तब तक पेड़ से बांध कर पीटते रहे जब तक वहां पुलिस नहीं पहुंची. महिला का नाम नूरजहां है वह नवाबगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव की रहने वाली है, उसके पति ने तलाक दे दिया है और वह विक्षिप्त है.

13 अगस्त को मैनपुरी के बरनाहल कस्बे में बच्चा चोरी के आरोप में एक महिला को भीड़ पकड़ कर पीटने लगी. खबर पाकर पुलिस वहां पहुंची और महिला थाने ले आई. पूछताछ में महिला ने अपना नाम सरला देवी जाटव पत्नी स्वर्गीय जयपाल जाटव, घर अरांव थाना सिरसागंज फिरोजाबाद बताया. महिला ने बताया कि उसकी बेटी की शादी शिकोहाबाद में हुई है, वह अपनी बेटी से मिलने गई थी. बेटी के ससुर वीरेन्द्र ने उसे जबरन कार में बैठाया और बरनाहल क्षेत्र में ले आया मौका मिलने पर दिहुली चौराहे के निकट वह कार से निकल कर भागी और आगे जाकर एक पेड़ के पास बैठ गई. वहां से गुजर रहे एक बच्चे से उसने पीने के लिए पानी मांगा तो लोगों ने बच्चा चोर बता कर उसे मारना पीटना शुरू कर दिया.

मैनपुरी में अगस्त् माह में यह चौथी घटना है इससे पहले बरनाहल में ही एक युवक को बच्चा चोरी के आरोप में पीटा गया. ओछा में एक वृद्ध की बच्चा चोरी के आरोप में पिटाई कर दी गई.

23 अगस्त् को शाहजहांपुर के पीटर मऊ गांव में दोपहर करीब 1 बजे ग्रामीणों ने गांव में घूम रही 30 वर्षीय महिला को बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी और महिला को बंधक बनाकर पुलिस को जानकारी दी. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है.

25 अगस्त को बिहार निवासी टिक्कू को बागपत के रटौल गांव में भी भीड़ ने बच्चा चोर कहकर पिटाई कर दी. टिक्कू भीख मांगकर पेट भरता था और वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. 25 अगस्त को बागपत में ही नेपाल निवासी धान सिंह को लोगों ने बच्चा चोर कहकर पिटाई कर दी. धान सिंह दिल्ली में नौकरी के लिए आया था वह गलती से बड़ौत वाली ट्रेन में बैठ गया और रात में बड़ौत उतरकर बड़का रोड पर आ गया तभी किसी ने बच्चा चोर का शोर मचा दिया. पुलिस ने लाठी चलाकर लोगों के चंगुल से उसको छुड़वाया.

अगस्त में ही बागपत के सोंटी गांव के नजदीक एक युवती को लोगों ने घूमते देखा. युवती को बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया और युवती की पिटाई शुरू कर दी. थानाध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया कि युवती मनोरोगी है और अलीगढ़ की रहने वाली है. फैजाबाद के युवक जो कि होटल में मजदूरी करता था वह अग्रवाल मंडी टटीरी कस्बे में समाधि के पास घूम रहा था. घूमते हुए देख ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पिटाई कर दी. बाद में पता चला कि वह होटल में काम करता है और काम की खोज में घर से आया है.

27 अगस्त को मेरठ के श्यामनगर में एक महिला को लोगों तीन बच्चों के चोरी के आरोप में बंधक बनाकर पीटा. मौके पर गई पुलिस के साथ भी लोगों ने हाथापाई किया. मेरठ जनपद के ही लालकुर्ती क्षेत्र के बक्सर गांव और कृष्णानगर डोरली में दो लोगों कि पिटाई कर दी गई. अगस्त माह में ही बुलंदशहर के सिकंदराबाद के गांव सरासघासी में शराबी को बच्चा चोर कहकर पीटा गया, पुलिस ने मौके पर जाकर उसको छुड़वाया. स्याना के चांदपुर बस स्टैंड के पास हापुड़ के दो युवकों को अहाते में बंधक बनाकर पीटा गया. स्याना ही वह क्षेत्र है जहां पर इंस्पेक्टर सुबोध कि हत्या कर दी गई थी और जब अरोपित को जमानत मिली तो फूल माला से स्वागत किया गया और जय श्री राम, वन्देमातरम, भारत माता की जय के नारे लगाए गए. हापुड़ के कोटला सादात में बच्चा चोर के शक में विक्षिप्त महिला को मारा पीटा गया. पुलिस ने जाकर महिला को छुड़वाया.

28 अगस्त को मेरठ जिले के किठौर थानाक्षेत्र के शाहजहांपुर कस्बे में देशी जड़ी-बूटी बेचने के लिए आए हरियाणा के युवक को भीड़ ने बच्चा चोर गिरोह का सदस्य समझकर पकड़ लिया और लात घूंसों से पिटाई कर दी. 28 अगस्त को ही अलवर जिले के बुटेरी गांव में युवक को बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया और बेरहमी से पीटा उसके बाद पुलिस को बुलाया. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि युवक बिहार का रहने वाला है और अलवर में एक ढाबे पर काम करता है.

28 अगस्त को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में मोबाइल टावर चेक करने आए इंजीनियर समेत उसके दो साथियों को ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर पीट दिया. साथ ही इंजीनियर की कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है जबकि कार पर प्रेस लिखा हुआ था. पिटाई के दौरान इंजीनियर के गले से सोने की चेन और पर्स भी गायब हो गया. 28 अगस्त को फतेहपुर में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल मोबाइल यूनिट टीम की बच्चा चोर गिरोह के शक में पिटाई की गई. टीम के सदस्यों ने गाड़ी के अंदर छिप कर जान बचाना चाहा लेकिन लोगों ने गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. मौके पर पुलिस पहुंची तो भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस को हवाई फायर कर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा.

अब यह आग दिल्ली के करीब तक पहुंच चुकी है. 29 अगस्त को ट्रॉनिक सिटी के पूजा कॉलोनी में गायत्री और अशफाक को लोगों ने बच्चा चोर के शक में पिटाई कर दी. इन घटनाओं में पुलिस ने पाया है कि ये घटनाएं अफवाह फैलाने के कारण हुए हैं और जिनकी पिटाई हुई हैं उनमें ज्यादातर लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. 22 देशों में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा कराए गए सर्वे में इंटरनेट द्वारा फर्जी खबरें फैलाने पर भारत नम्बर वन पर है.

‘विश्व गुरू’ बनने का दावा करने वाले भारत के ये एक राज्य कि घटनाएं हैं अगर पूरे देश के आंकड़े इक्ट्ठे किए जाए तो यह संख्या कहां तक पहुंचेगी पता नहीं. यह घटनाएं सुप्रीम कोर्ट के मॉब लिचिंग पर गाईडलाइन के बाद हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि मॉब लिचिंग की घटना में तुरंत एफआईआर दर्ज हो, जल्द से जल्द चार्जशीट सौंपी जाएं, छह महीने में मुकदमे का ट्रायल पूरा हो, अपराधियों को अधिकतम सजा हो, गवाहों की सुरक्षा हो, लापरवाह पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई हो, पीड़ित को त्वरित मुआवजा दिया जाए.

पिछले साल अगस्त में ही केन्द्रीय सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति ने अपनी रिपोर्ट गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मॉब लिचिंग पर सौंप चुकी है. गृह मंत्री ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री को अपनी सिफारिश भेजेंगे. एक साल बाद राजीव गाबा कि रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइंस और गृहमंत्री राजनाथ सिंह कि सिफारिशें धूल फांकती नजर आ रही हैं.

देश में बेरोजगारी की स्थिति यह है कि लोग काम की खोज में इधर से उधर भटक रहे हैं. मजदूरी कर रोज कमाने-खाने वाले लोग काम नहीं मिलने पर भूखे-रहने को मजबूर हैं, वे मानसिक रूप से विक्षिप्त होते जा रहे हैं. पढ़े-लिखे युवा कि भी हालत यही है कि काम नहीं मिलने पर वह अन्य अपराधों में शामिल हो रहे हैं, ‘गौ-रक्षक’ बन रहे हैं (जिसका जिक्र मोदी जी कर चुके हैं), इस तरह की हत्याओं में शामिल होकर अपने आप को समाज का ‘चौकीदार’ दिखाने कि कोशिश कर रहे हैं. इससे उन्हें सामाजिक मान्यताएं मिल जाती हैं जैसे कि हत्या के आरोपियों की जमानत पर फूल माला पहनाकर स्वागत किया जाता है, जय श्रीराम, वन्देमातरम, भारत माता की जय का नारा लगाया जाता है.

आज हर जगह डर का माहौल है जो सभी के जेहन में बैठा हुआ है नौकरी जाने का डर, लूट जाने का डर, बच्चा चोरी होने का डर, समाज से कट जाने का डर, मन का डर हर जगह डर ही डर है.


प्रसंगवश