जलियांवाला हत्याकांड का जिम्मेदार कौन: डायर या ओ’डायर?
कर्नल रेजिनाल्ड एडवार्ड हैरी डायर (Wikipedia)
13 अप्रैल 1919 में जलियांवाला बाग में अंग्रेजों की गोलियों का शिकार हुए सैकड़ों निहत्थे लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. सबको झकझोर कर रख देने वाली इस हत्याकांड की आज 100वीं बरसी है.
लेकिन इस घटना में शामिल कर्नल माइकल फ्रांसिस ओ’डायर एक ऐसे शख्स हैं, जिनका नाम आज भी पर्दे के पीछे बना हुआ है.
ब्रिटिश इतिहासकारों का मानना है कि आम तौर पर इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार कहे जाने वाले कर्नल रेजिनाल्ड एडवार्ड हैरी डायर उस समय घटनास्थल पर मौजूद जरूर थे, लेकिन असल में इस घटना के लिए पंजाब के लेफ्टिनेंट जनरल माइकल फ्रांसिस ओ’डायर जिम्मेदार थे.
पंजाब के इतिहास के जानकार इंदु बग्गा के मुताबिक कट्टर साम्राज्यवादी ओ’डायर ही इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार थे. डायर तो केवल उनको मिले आदेशों का पालन कर रहे थे. बग्गा कहते हैं कि सेवानिवृति के बाद भी ओ’डायर भारत को किसी भी तरह की रियायत देने का विरोध करते रहे थे.
इतिहासकार बग्गा ने कहा कि 13 मार्च 1940 में उधम सिंह ने ओ’डायर की ही लंदन कैक्सटन हॉल में हत्या की थी. जबकि डायर की मौत तो साल 1927 में सेरेब्रल हैमरेज से पहले ही हो गई थी. वह बताते हैं कि ओ’डायर ने डायर के लिए एक मेमोरियल बनाने में अहम भूमिका अदा की थी.
वह यह भी बताते हैं कि बहुत कम लोग ये जानते हैं कि डायर की परवरिश पंजाब प्रांत में ही हुई थी और वह अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दुस्तानी भी काफी अच्छे से बोलते थे.
आज दस्तावेजों में जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जितना ब्रिटिश साम्राज्य को जिम्मेदार माना जाता है, उतना ही जिम्मेदार डायर को भी माना जाता है. हत्याकांड की जांच के लिए गठित हंटर कमीशन रिपोर्ट में भी डायर को दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.