शहर से उजड़े, गांव में भी राशन नहीं
स्टेंडर्ड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क की रिपोर्ट की मानें तो 13 अप्रैल तक शहरों में फंसे कामगारों में से 96 फीसदी को सरकारी राशन नहीं मिला था और 70 फीसदी लोगों तक पका हुआ भोजन नहीं पहुंच सका. सरकारी निर्देश के बावजूद कामगारों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. यही वजह थी कि बड़ी संख्या में लोग शहर छोड़कर गांव चले गए.