पीढ़ियां खप गईं कर्ज चुकाने में


 

खेती के लिए किसानों को बैंकों से कर्ज दिलाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उन्हें साहूकारों के जाल में फंसने से बचाया जा सके. लेकिन कर्ज वसूली को लेकर बैंकों की नीति किसानों पर भारी पड़ रही है. खेती के लिए बैंक से कर्ज लेना साहूकारों के जाल में उलझने से कतई कम नहीं हैं. सतना से मृदुल पांडे की रिपोर्ट…


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