कैसे किसानों की कमर तोड़ रही है सस्ते दूध की नीति


 

मोदी सरकार अक्सर महंगाई को काबू में रखने को अपनी उपलब्धि बताती है लेकिन उसकी यही उपलब्धि किसानों, खास तौर पर दूध कारोबार से जुड़े लोगों का रोजगार छीन रही है. वजह है कि खाद्य महंगाई दर के हिसाब से दूध की कीमत ही नहीं बढ़ने दी जा रही है. किसानों को इस समय प्रति लीटर पर कम से कम 10 रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा सस्ते दूध के आयात का भी खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे दूध किसानों को कैसे बचाया जाए, कैसे किसानों को सही कीमत मिल सके और दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना कितना कारगर होगा, ऐसे ही सवालों के साथ देखिए ये खास बातचीत.


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