यूनाइटेड नेशन सेक्यूरिटी कॉउंसिल में भारत का पक्ष अगर सुना गया तो इसके पीछे यूएन में भारत स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन का बड़ा हाथ माना जा रहा है लेकिन इससे पहले 1994 में भी भारत की कूटनीतिक जीत हुई थी. इमरान खान की रिपोर्ट.