संसद में उठा NRC का मुद्दा


 

राज्यसभा में एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल से जुड़े सवाल भी उठे. जिसके जवाब मे गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी में धर्म के आधार पर भेदभाव करने की बात नहीं है. शाह ने आगे कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में होगी तो असम में एनआरसी की प्रक्रिया फिर से की जाएगी. किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. सारे लोगों को एनआरसी के अंदर समाहित करने की व्यवस्था है. सरकार मानती है कि सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी. एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने यह भी कहा कि सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल वापस लाया जाएगा. इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है.


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