लॉकडाउन के दौरान अगर सामाजिक संगठन मदद के लिए आगे नहीं आते तो हालात और बुरे होते. कोरोना से पहले ये लोग भूख से दम तोड़ देते. जायजा लिया हमारे संवाददाता कौशल किशोर चतुर्वेदी ने.